WEATHER NEWS - हरियाणा एनसीआर दिल्ली कोहरे की सफेद चादर के आगोश में

हरियाणा एनसीआर दिल्ली में दीपावली त्यौहारी सीजन के बाद लगातार आवोहवा बहुत खराब स्थिति में पहूंच गई थी। पराली जलाने और दिपावली त्यौहारी सीजन पर आतिशबाजी और पटाखे चलाने की गतिविधियों में बढ़ोतरी से वायु प्रदूषण और वातावरण में जहर घुलने से सम्पूर्ण इलाके की वायु गुणवत्ता सूचकांक में गिरावट देखने को  मिल रही थी। परन्तु अब इस समस्या में और अधिक विकट स्थिति बनी हुई है क्योंकि धुआं-धूल और धुंध के मिश्रण से सम्पूर्ण इलाके को कोहरे की सफेद चादर ने अपने आगोश में ले लिया है। 

कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय

मौसम विशेषज्ञ डॉ चंद्र मोहन ने बताया कि वर्तमान परिदृश्य एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से एक चक्रवातीय सर्कुलेशन उत्तरी पंजाब पर बनने वाली केवल उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर हल्की बर्फबारी दर्ज हुई है और  उत्तरी पंजाब के एक दो स्थानों पर छिटपुट बूंदा-बांदी की गतिविधियों को दर्ज किया गया है जबकि कमजोर चक्रवातीय सर्कुलेशन से हवाओं की दिशा में बदलाव देखने को मिल रहा है जिसकी वजह से सम्पूर्ण इलाके में नमीं में अधिकता की वजह से पंजाब उत्तरी राजस्थान और हरियाणा के सिरसा फतेहाबाद हिसार भिवानी के कुछ स्थानों पर इस सीजन का पहला धुंध कोहरा देखने को मिला परन्तु आज मंगलवार को हरियाणा एनसीआर दिल्ली के अधिकतर स्थानों पर कोहरा छाया रहा।आने वाले दिनों में सम्पूर्ण इलाके में लगातार दिन और रात के तापमान में गिरावट देखने को मिलेगी और कोहरा अपने रंग दिखायेगा। कोहरा (फोग) प्रायः ठंडी आर्द्र हवाओं में बनता है और इसके अस्तित्व में आने की प्रक्रिया बादलों से जैसी ही होती है। 

गर्म हवा की अपेक्षा ठंडी हवा अधिक नमी लेने में सक्षम होती है और वाष्पन के द्वारा यह नमी ग्रहण करती है।ये वह बादल होता है जो भूमि के निकट बनता है। यानि एक बादल का वह भाग जो भूमि के ऊपर हवा में ठहरा हुआ हो कोहरा नहीं होता बल्कि बादल का वह भाग जो ऊपरी भूमि के संपर्क में आता है, कोहरा कहलाता है। इसके अतिरिक्त कोहरा कई अन्य तरीकों से भी बनता है। लेकिन अधिकांश कोहरे दो श्रेणियों, एडवएक्शन फॉग और रेडिएशन फॉग में बदल जाते हैं। दोनों ही प्रकार में कोहरा आम हवा से अधिक ठंडा महसूस होता है। ऐसा उसमें भरी हुई नमी के कणों के कारण होता है। जिसकी वजह से प्रभावित इलाकों में रफ्तार पर ब्रेक लग गया और परिवहन के साधन रेंगने को मजबूर हो गए।प्रकृति में तापमान के अंतर के साथ होने वाले बदलाव हैं  से कोहरा, कुहासा और धुंध का निर्माण होता है। ये कुछ हद तक तो फायदेमंद हैं, लेकिन रफ्तार भरी आधुनिक जीवनशैली में बड़ी बाधा बनते जा रहे हैं। 

वैज्ञानिक रूप से इसका कोई ठोस निदान नहीं है, लिहाजा इससे हर साल दुनियाभर में जन-जीवन व्यापक रूप से प्रभावित होता है। स्मॉग वायु प्रदूषण का ही रूप है। जो स्मोक+फॉग=स्मॉग अर्थात वायुमंडल में शामिल धूल कणों, धुएँ और धुंध या नमी की अधिकता से बनता है। सोमवार को हरियाणा के पश्चिमी जिलों सिरसा फतेहाबाद हिसार भिवानी में कोहरा की  परत देखने को मिली जबकि  आज मंगलवार को सम्पूर्ण हरियाणा एनसीआर दिल्ली को कोहरे की सफेद चादर ने अपने आगोश में ले लिया। हालांकि की पिछले काफी दिनों से हरियाणा एनसीआर दिल्ली में मौसम शुष्क और साफ़ बना हुआ था लगातार पश्चिमी हवाएं चल रही थी परन्तु 11 नवंबर को  एक कमजोर पश्चिमी  विक्षोभ उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर सक्रिय होने से उत्तरी पंजाब पर एक कमजोर चक्रवातीय सर्कुलेशन बना जिसकी वजह से सम्पूर्ण इलाके दक्षिणी पूर्वी और दक्षिणी पश्चिमी हवाओ ने वातावरण में लगातार नमीं की मात्रा में बढ़ोतरी हुई और दिपावली त्यौहारी सीजन पर आतिशबाजी और पटाखे चलाने और पराली जलाने की गतिविधियों में बढ़ोतरी और पहले से ही खनन निर्माण कार्य उधोग धंधे ईंट भट्टे अनियंत्रित यातायात व्यवस्था लम्बे लम्बे परिवहन जाम टूटे-फूटे रोड से लगातार धूल कणों, धुएँ और धुंध  तथा अन्य प्रदूषक तत्व निचले वातावरण में संघनित हो गए जिससे स्मॉग बना। 

पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर बर्फबारी होने से रात के समय  उत्तरी हवाएं चलने से दिन और रात के तापमान में भी गिरावट दर्ज हुई है।कोहरा वास्तव में हवा में तैरती पानी या फिर बर्फ की बहुत ही महीन बूंदें हैं। नम ठंडी हवा का संपर्क जब उष्णता से होता है तो कोहरा बन जाता है। कोहरा धरती के बिलकुल करीब आ चुके बादल हैं। अंग्रेजी में दो शब्द हैं फॉग और मिस्ट, हिंदी में आमतौर पर दोनों को कोहरा कह दिया जाता है, लेकिन इनमें फर्क होता है। फॉग अधिक घना और पृथ्वी के ज्यादा करीब होता है। इसमें दृश्यता एक किलोमीटर से भी कम हो जाती है, जबकि मिस्ट कम घना होता है। यह पहाड़ की चोटियों पर नजर आता है, इसमें दृश्यता एक किलोमीटर से कम नहीं होती।

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