What's the colour of the universe - ब्रह्मांड का रंग क्या है, Karl and Ivan की रिसर्च रिपोर्ट सरल हिंदी में पढ़िए

Bhopal Samachar
NASA (अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी) इन दोनों मंगल ग्रह के चप्पे-चप्पे को छान रही है। मंगल देवता के साम्राज्य का सर्वे कर रही है। वहीं दूसरी ओर लोगों में यह जानने की जिज्ञासा उपस्थित हुई है कि ब्रह्मांड का रंग क्या है। चलिए इस सवाल के जवाब तलाशते हैं। NASA और दुनिया भर के दूसरे वैज्ञानिकों से पूछते हैं। 

Colour of the Universe - Karl Glazebrook and Ivan Baldry research report in Hindi

BHOPAL SAMACHAR NEWS PORTAL की टीम द्वारा की गई रिसर्च में पता चला है कि, NASA ने ब्रह्मांड के रंग के बारे में अब तक कोई रिसर्च नहीं किया है परंतु दुनिया भर में होने वाली रिसर्च के लिए इतना महत्वपूर्ण सहयोग किया है कि उनके बिना रिसर्च पूरी नहीं हो सकती थी। ब्रह्मांड के रंग के बारे में सबसे ज्यादा Astronomy and Physics की संस्थाओं द्वारा सबसे ज्यादा रिसर्च किए गए हैं। सबसे इंर्पोटेंट स्टडी 2002 में जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय के दो Astronomers, Karl Glazebrook and Ivan Baldry द्वारा की गई थी। इन दोनों ने ब्रह्मांड में मौजूद सभी प्रकार की प्रकाश का विश्लेषण किया। लाखों आकाशगंगा के स्पेक्ट्रम का मेजरमेंट किया गया। इसके बाद निष्कर्ष निकाला गया कि, ब्रह्मांड का कोई एक रंग नहीं है परंतु यदि ब्रह्मांड में मौजूद सभी रंगों को मिलाकर एक औसत रंग बनाएंगे तो वह रंग हल्का हरा-भूरा (Light greenish-brown) होगा। दोनों वैज्ञानिकों ने इस नए रंग को कॉस्मिक लैट (Cosmic Latte) नाम दिया है। 

Colour of the Universe - important notes

ब्रह्मांड का रंग हमेशा से Cosmic Latte नहीं था। यह रंग केवल रिसर्च के समय दिखाई दिया है। लगभग 10 अब साल पहले जब ब्रह्मांड अपनी प्रारंभिक अवस्था में था, तब ब्रह्मांड का रंग नीला था। अंतरिक्ष के वैज्ञानिकों का मानना है कि, ऐसा इसलिए था क्योंकि उसे समय ब्रह्मांड में ज्यादातर तारे (stars) युवा थे और गर्म थे। जैसे-जैसे ब्रह्मांड की तारों की उम्र बढ़ती गई। उनका रंग लाल होता चला गया और वह ठंडे होते गए। इसके कारण ब्रह्मांड का रंग भी बदल गया और आज ब्रह्मांड का एवरेज कलर लाइट ग्रीनीश ब्राउन (Cosmic Latte) दिखाई देता है।

इस रिसर्च में NASA ने क्या मदद की 

NASA के पास हबल स्पेस टेलीस्कोप और जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप द्वारा कैप्चर किए गए फोटोग्राफ थे। ब्रह्मांड के बारे में करोड़ों जानकारी है। NASA अपने वैज्ञानिकों को यह जानकारी उपलब्ध करवाई। हबल और जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने आकाशगंगाओं और तारों से प्रकाश को स्पेक्ट्रोस्कोपी के जरिए मापा, और इसी के कारण अंतरिक्ष के रंग का अध्ययन संभव हुआ। ✒ उपदेश अवस्थी - Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article

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