वर्तमान में हम बहुत से SMS या संदेश देखते है जिसमे लिखा होता है कि अगर आप इस संदेश को पाँच व्यक्ति या दस व्यक्तियों को नहीं भेजोगे तो आपको जन धन की हानि होगी या कोई गंभीर क्षति हो सकती है बहुत से संदेश में देवी या देवता की कसम भी दी जाती है, ऐसे संदेशों को देखकर लोग डर जाते है जिससे उनको मानसिक तनाव भी होता है, लेकिन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 354 में ऐसे भ्रमित संदेश भेजने वाले व्यक्ति को दंडित करने का प्रावधान किया गया हैं।
भारतीय न्याय संहिता,2023 की धारा 354 की परिभाषा
व्यक्ति को यह विश्वास करने के लिए उत्प्रेरित करने कि वह देवी अप्रमाद का भाजन होगा कराएगा तब वह व्यक्ति BNS की धारा 354 के अंतर्गत दोषी होगा। BNS की धारा 354 का अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय है इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। सजा इस अपराध के लिए अधिकतम एक वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता यह एक शमनीय अपराध है।
BNSS की धारा 359 (पूर्व में दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 320 की उपधारा (1)) के अनुसार देवी अप्रसाद का भाजन कराके किसी व्यक्ति को उत्प्रेरित करने के का अपराध एक समझौता योग्य अपराध हैं इसका समझौता बिना न्यायालय की आज्ञा अर्थात न्यायालय के बाहर ही किया जा सकता है। उस व्यक्ति से किया जा सकता है जिसे उत्प्रेरित किया गया है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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