अगर कोई व्यक्ति, किसी दूसरे व्यक्ति को एक अपराध करने के लिए उकसाता है। परिणामस्वरूप उकसाहठ में व्यक्ति अपराध कर देता है। तब उसे भारतीय न्याय संहिता की धारा 49 के अंतर्गत दण्डित किया जाएगा। जानिए इस धारा में दण्ड के क्या - क्या कानूनी नियम है :-
किस प्रकार के दुष्प्रेरण के लिए कौन सा दंड
1. अगर कोई व्यक्ति किसी सरकारी अधिकारी को रिश्वत लेने के लिए मजबूर कर देता है और वह उकसाने में आकार रिश्वत गृहण कर लेता है तब रिश्वत देने वाले व्यक्ति को भी वही दण्ड का प्रावधान होगा जो सरकारी अधिकारी को मिलेगा।
2. दुष्प्रेरित व्यक्ति ने वहीं अपराध किया हो जिस अपराध का दुष्प्रेरण किया गया था, अर्थात अगर Mr. क, ने Mr. ख, को गंभीर चोट करने के लिए उकसाया था, लेकिन Mr. ख गंभीर चोट के स्थान पर उस व्यक्ति की हत्या कर देता है तब Mr. क, दुष्प्रेरण के षड्यंत्र मात्र के अपराध का दोषी होगा और Mr. ख, हत्या के अपराध का दोषी होगा।
3. इस धारा में उस दुष्प्रेरण के अपराध को दंडित करने के लिए प्रावधान किया गया है जिस अपराध का दुष्प्रेरण के दण्ड का प्रावधान BNS में नहीं दिया गया है, इससे संबंधित सुप्रीम कोर्ट का एक महत्वपूर्ण जजमेंट जानिए-
रंगनायकी बनाम राज्य मामले मे सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारतीय दण्ड संहिता द्वारा दुष्प्रेरण के दण्ड के लिए कोई उपबंध नहीं किया गया है, इसलिए यदि मुख्य आरोपी द्वारा कोई कार्य दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप किया गया हो तो दुष्प्रेरक को BNS 49 के अधीन उसी दण्ड के लिए दायी होगा जो अपराध मुख्य आरोपी ने किया है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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