BHOPAL आज से 2 राज्यों की राजधानी, मुख्यमंत्री ने बाघों का जंगल वापस लौटाया - NEWS TODAY

विंध्याचल के पर्वत शिखर पर स्थित भोपाल शहर आज से दो राज्यों की राजधानी हो गया है। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस शहर को मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी बनाया था। डॉ मोहन यादव ने इस शहर को टाइगर स्टेट की राजधानी बना दिया है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बाघों का जंगल बाघों को वापस लौटा दिया है। रानी कमलापति के गद्दार दोस्त मोहम्मद खान ने सन 1657 में इस पर जबरदस्ती कब्जा करके इसे अपनी संपत्ति और खुद को भोपाल का नवाब घोषित कर दिया था। आज 367 साल के बाद 763 स्क्वायर किलोमीटर का यह जंगल रातापानी टाइगर रिजर्व कहलाएगा। यहां इंसानों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। इस जंगल का राजा टाइगर होगा और अपने 96 सदस्यों वाले विशाल परिवार के साथ आनंदपूर्वक रहेगा। 

BHOPAL The Tiger Land - जहां इंसान और बाघ परिवार की तरह रहते हैं

भोपाल शहर को टाइगर लैंड के नाम से भी पुकारा जा सकता है। वर्तमान में भोपाल के रातापानी टाइगर रिजर्व में 96 बाघ हैं। 2026 तक इनकी संख्या 150 से अधिक होने का अनुमान है। इसके अलावा, 12 से अधिक बाघिनें अपने शावकों के साथ रातापानी में विचरण कर रही हैं। इन शावकों की संख्या लगभग 30 है। इस प्रकार यह दुनिया का एकमात्र शहर है जहां पर इंसान और टाइगर, एक साथ प्रेम पूर्वक रहते हैं। टाइगर यहां अक्सर सड़कों पर अपने परिवार के साथ घूमने निकल आते हैं। भोपाल के लोग भी भयभीत नहीं होते। वह जंगल के राजा के सम्मान में अपने वाहन रोक देते हैं। लाइट डिम कर देते हैं। पहले टाइगर को गुजर जाने देते हैं उसके बाद अपनी गाड़ी आगे बढ़ते हैं। 

डॉ मोहन यादव ने बाघों का जंगल वापस लौटाया

सन 1657 से पहले तक, यहां इंसान और टाइगर एक साथ रहा करते थे। एक तालाब के एक ही घाट से दोनों पानी पिया करते थे। भोपाल की रानी कमलापति भी, जंगल के राजा का सम्मान करती थी। यहां कभी टाइगर का शिकार नहीं किया गया। सन 1657 में रानी कमलापति से दोस्त बनकर मिले मोहम्मद खान ने गद्दारी कर दी। रानी को अपना सम्मान बढ़ाने के लिए जल समाधि लेनी पड़ी। रानी कमलापति के गद्दार दोस्त मोहम्मद खान ने भोपाल की बस्ती के साथ भोपाल के जंगल को भी अपनी संपत्ति और खुद को भोपाल का नवाब घोषित कर दिया। आज 367 साल बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने रातापानी टाइगर रिजर्व कल लोकार्पण करके बाघों को उनका जंगल वापस लौटा दिया है। 

डॉ मोहन यादव ने रातापानी टाइगर रिजर्व पॉलिटिक्स को नहीं पुरातत्वविद को समर्पित किया 

भारत में जब भी किसी नामकरण की बात आती है, और फैसला किसी नेता के हाथ में होता है तो, अपनी पार्टी अथवा विचारधारा के लिए काम करने वाले बड़े नेता का नाम घोषित किया जाता है परंतु डॉ मोहन यादव ने, भोपाल का रातापानी टाइगर रिजर्व, पॉलिटिक्स को नहीं बल्कि पुरातत्व वित्त को समर्पित कर दिया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के रातापानी टाइगर रिजर्व का नाम विश्व विख्यात पुरातत्वविद डॉ. विष्णु वाकणकर के नाम से जाना जाएगा। रातापानी टाइगर रिजर्व में स्थित विश्व धरोहर भीमबेटका को डॉ. वाकणकर के अथक परिश्रम के परिणाम स्वरुप ही पहचान प्राप्त हुई है। 

मुख्यमंत्री ने गर्व से कहा, हमारे आंगन में टाइगर खेलते हैं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश की वन्य-जीव संपदा को और अधिक संपन्न करने के लिए रातापानी टाइगर रिजर्व की अनुमति प्रदान करने पर प्रदेशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि  देश के समस्त राज्यों की राजधानियों में भोपाल ही एकमात्र ऐसी राजधानी है, जिसके आँगन में टाइगर रिजर्व विद्वमान है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने झिरी गेट से रातापानी टाइगर रिजर्व का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने टाइगर रिजर्व संबंधी जागरूकता के लिए आरंभ "विरासत से विकास" की अनूठी बाईक रैली को कोलार रोड स्थित गोल जोड़ से झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्वयं भी बाइक चला कर रैली की अगुवाई की। 

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