मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रह रही टाइगर फैमिली में 3 बच्चों का जन्म हुआ है। इसी के साथ भोपाल में टाइगर्स की संख्या 99 हो गई है। बच्चों की माता टाइगर रात के समय उन्हें प्रशिक्षण देती है और जंगल घूमाने के लिए निकलती है। शनिवार को इनका मूवमेंट मेनडोरा रोड पर देखा गया। भोपाल में टाइगर और मनुष्य एक साथ रहते हैं और कभी एक दूसरे को नुकसान नहीं पहुंचते लेकिन अपील की गई है कि रात के समय मेनडोरा रोड पर नहीं जाएं ताकि टाइगर के बच्चे स्वतंत्रता पूर्वक अपना प्रशिक्षण पूरा कर सकें।
भोपाल का यह क्षेत्र बाघों के लिए एक कॉरिडोर है
शनिवार रात करीब 1:40 बजे मेनडोरा रोड के पास बाघिन और उसके 3 शावकों के घूमने की खबर मिली। बाघिन को 13 गेट क्षेत्र में घूमते हुए देखा गया। इसका कार सवार लोगों ने वीडियो बना लिया। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर इलाके की सुरक्षा बढ़ा दी है, ताकि कोई शिकारी अथवा शरारती तक टाइगर के बच्चों को डिस्टर्ब ना करे। भोपाल के पास यह इलाका बाघों के लिए एक महत्वपूर्ण आवास है। यहां बाघ प्रजनन करते हैं और कई बार बाघिन शावकों के साथ देखी जा चुकी है। यह क्षेत्र रातापानी और खिवनी नेशनल पार्क के बीच स्थित है, जिसे बाघों के लिए एक कॉरिडोर के रूप में जाना जाता है।
महापौर महोदय, कृपया स्ट्रीट लाइट बंद करवा दीजिए
वन्य प्राणी विशेषज्ञों का कहना है कि, इस क्षेत्र में रात के समय वाहनों का मूवमेंट वन्य जीवन के लिए ठीक नहीं है। यदि ट्रैफिक बढ़ने लगा तो वन्य प्राणी अपना कॉरिडोर छोड़कर चले जाएंगे। इस समस्या यह है कि ट्रैफिक को हतोत्साहित करने के स्थान पर भोपाल नगर निगम द्वारा यहां पर स्ट्रीट लाइट लगवा दी गई है। लोग रात के समय पैदल टहलने के लिए निकलते हैं। कम से कम इस समय जब टाइगर का मूवमेंट चल रहा है, स्ट्रीट लाइट बंद करवा देनी चाहिए। इतनी सतर्कता जरूरी है।
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