मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रातापानी बाघ अभयारण्य को प्रदेश का आठवाँ “टाइगर रिजर्व’’ घोषित होने पर प्रदेश की जनता की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि टाइगर रिजर्व बनने से प्रदेश में पर्यटन के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के आठवें टाइगर रिजर्व के रूप में रातापानी बाघ अभयारण्य की अधिसूचना 2 दिसम्बर को जारी की गयी है।
भोपाल में टूरिज्म बढ़ेगा, देश-विदेश के पर्यटक आएंगे
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह किसी भी राज्य की राजधानी से सटा पहला टाइगर रिजर्व है। राजधानी के पास स्थित होने से यहाँ न सिर्फ पर्यटन से रोजगार के अवसर सुनिश्चित होंगे, बल्कि जंगल, बाघों तथा अन्य जंगली पशुओं का प्रभावी संरक्षण भी हो सकेगा। उन्होंने कहा कि गाँव के लोगों को परेशानी न हो, इसके लिये रातापानी अभयारण्य के अंतर्गत आने वाले गाँवों को कोर क्षेत्र की जगह बफर क्षेत्र में रखा गया है।
भोपाल की नई पहचान टाइगर कैपिटल के रूप में होगी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव कहा कि टाइगर रिजर्व बनने से रातापानी को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिलेगी तथा भोपाल की पहचान टाइगर राजधानी के रूप में होगी। उन्होंने कहा कि रातापानी टाइगर रिजर्व के कोर एरिया का रकबा 763.812 वर्ग किलोमीटर तथा बफर एरिया का रकबा 507.653 वर्ग किलोमीटर है। इस प्रकार टाइगर रिजर्व का कुल रकबा 1271.465 वर्ग किलोमीटर होगा।
मध्यप्रदेश चीता स्टेट भी बन चुका है
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के 9वें टाइगर रिजर्व माधव नेशनल पार्क के लिये एनटीसीए से अनुमति मिल गयी है। इसके नोटिफिकेशन जारी करने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गयी है, जो लगभग एक माह में पूरी हो जायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश “चीता स्टेट’’ भी बन चुका है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस पर प्रदेश की जनता को शुभकामनाएँ दी हैं।
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