यदि आपको कोई ऐसी जड़ी बूटी चाहिए जो दुर्लभ है और बाजार में नहीं मिल रही है तो आपको तत्काल भोपाल के लाल परेड मैदान पहुंच जाना चाहिए। यहां पर अंतरराष्ट्रीय वन मेला शुरू हो गया है और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने दावा किया है कि जो जड़ी बूटियां बाजार में नहीं मिलती, वह दुर्लभ जड़ी बूटी भोपाल के अंतरराष्ट्रीय वन मेला में बड़ी आसानी से मिल जाती है।
वन मेला 2024 की थीम - लघु वनोपज से महिला सशक्तिकरण
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल के मुख्य आतिथ्य में और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में 10वें अंतर्राष्ट्रीय वन मेले का शुभारंभ 17 दिसंबर मंगलवार को लाल परेड मैदान भोपाल में शाम 5 बजे किया जायेगा। वन मेला "लघु वनोपज से महिला सशक्तिकरण" पर आधारित होगा। लघु वनोपज प्रबंधन में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश में लघु वनोपज संग्रहण कार्य में लगभग 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी है। मेले में प्रदेशवासियों के अलावा देश के विभिन्न राज्यों के लोग शामिल होते हैं। वन मेला लघु वनोपज, औषधि पौधों के क्षेत्र की गतिविधियों, उत्पादों एवं अवसरों को प्रदर्शित करने के लिये इससे जुड़े संग्राहकों, उत्पादकों, व्यापारियों, उद्यमियों, वैज्ञानिकों, प्रशासकों और नीति निर्धारकों के बीच संवाद स्थापित करने के लिये एक व्यापक मंच उपलब्ध करायेगा।
अंतर्राष्ट्रीय वन मेला में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे
वन राज्य मंत्री श्री दिलीप अहिरवार में शुभारंभ कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि होंगे। अंतर्राष्ट्रीय वन मेला में में 17 दिसंबर को आर्केस्ट्रा, 18 दिसंबर को लोक गीत एवं भजन गायिका मालिनी अवस्थी, 19 दिसंबर को हास्य कलाकार एहसान कुरैशी, 20 दिसंबर को गायन (सोलो), आर्केस्ट्रा और सूफी बैण्ड, 21 दिसंबर को नृत्य (सोलो), आर्केस्ट्रा, 22 दिसंबर को फैंसी ड्रेस/सोलो एक्टिंग, "एक शाम वन विभाग के नाम" और 23 दिसंबर को समापन समापन समारोह आयोजित किया जायेगा।
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