साधारण शब्दों में अगर हम बात करें तो हर व्यक्ति को अपनी एवं अपनी निजी संपत्ति की रक्षा करने का अधिकार होता है। कभी-कभी स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि व्यक्ति चोर, लुटेरों या डाकुओं से अपनी संपत्ति बचाने के लिए भिड़ जाते हैं। इस मुठभेड़ में हमलावर चोर, लुटेरा या डाकू किसी व्यक्ति के हाथ से मर जाता है, तो न्यायालय से उसे किस प्रकार का न्याय मिलेगा, जानिए:-
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 41 की परिभाषा
कोई व्यक्ति निम्न प्रकार से किसी व्यक्ति की निजी संपत्ति को नुकसान पहुँचता हैं:-
1. चोरी करने के उद्देश्य से।
2. लूट करने के उद्देश्य से।
3. डकैती के उद्देश्य से।
4. रात्रि में जबर्दस्ती घर में घुसकर मारपीट या लूट करना।
4. मकान को रिष्टि करना आदि।
उपर्युक्त उद्देश्य से अगर व्यक्ति किसी पर हमला करता है और व्यक्ति अपनी निजी संपत्ति की रक्षा के लिए हमलावर की हत्या कर देता है, तब यह अपराधm BNS की धारा 41 के अंतर्गत क्षमा योग्य होगा, लेकिन अगर हमलावर अपनी गलती मानता है और हमला करना बंद कर देता है और अपने आप को व्यक्ति के हवाले कर दे, तब व्यक्ति द्वारा हमलावर की हत्या करना क्षमा योग्य नहीं होगा।
उधारानुसार वाद गुरुदत्त मल बनाम राज्य
उपर्युक्त वाद में मृतक पुलिस के संरक्षण में एक खेत से शांतिपूर्वक फसल काट रहे थे एवं उनके पास किसी भी प्रकार के खतरनाक हथियार नहीं थे। आरोपी ने फसल पर अपना हक जताया तथा समय होते भी लोक-अधिकारियों की सहायता लेने के बजाय स्वयं ही उसने फसल काट रहे व्यक्ति पर बंदूक से फायर कर दिया एवं अन्य हथियार से भी उन्हें मार डाला। न्यायालय ने इस वाद में यह अभिनिर्धारित किया कि मृतकगण न तो लूट का कोई अपराध कर रहे थे न ही डकैती का। इसलिए आरोपी को IPC की धारा 103 (अब वर्तमान मे BNS की धारा 41) के अंतर्गत किसी भी प्रकार का निजी प्रतिरक्षा (सेल्फ डिफेंस) का बचाव नहीं मिलेगा आरोपी के पास समय था वह पुलिस सहायता ले सकता था।
BNS 41 LANDMARK JUDGMENTS
जससासिंह बनाम हरियाणा राज्य मामले मे सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्पष्ट किया कि IPC की धारा 103 (अब BNS की धारा 41) के अंतर्गत प्रतिरक्षा का बचाव केवल रात्री गृह भेदन की दशा में ही उपलब्ध होगा। किसी खुली भूमि में अतिचार के लिए अतिचार करने वाले व्यक्ति को हत्या करना, इस धारा के अंतर्गत बचाव के रूप में स्वीकार्य नहीं होगा। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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