मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारी प्रतीक्षा सूची वाले शिक्षकों को आता हुआ देखकर, ऑफिस छोड़कर चले गए। शायद उनके पास प्रदर्शनकारियों के सवालों का कोई जवाब ही नहीं था। राजधानी भोपाल में आज उच्च माध्यमिक शिक्षक चयन परीक्षा के उपरांत नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे उम्मीदवारों द्वारा दंडवत प्रणाम प्रदर्शन किया गया।
कोई ज्ञापन लेने नहीं आया
मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती वर्ग 1 की वेटिंग वाले कैंडीडेट्स रानी कमलापति स्टेशन से अभ्यर्थी दंडवत मुद्रा में आगे बढ़ते हुए लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) पहुंचें। उनके पहुंचने से पहले ही अधिकारी वल्लभ भवन किसी मीटिंग में शामिल होने चले गए। इस वजह से कोई ज्ञापन लेने नहीं आया। इस दौरान अभ्यर्थियों ने जमकर नारेबाजी की, और गेट पर ज्ञापन चिपकाकर लौट गए
उम्मीदवारों का कहना है कि अब तक मध्यप्रदेश में शिक्षक भर्ती के लिए केवल पात्रता परीक्षा आयोजित की जाती थी, लेकिन वर्ग 1 के रोस्टर में लगभग 45 प्रतिशत बैकलॉग हैं और नए (फ्रेश) पदों की संख्या कम होने के कारण, श्रेणीवार केवल 6 से 8 पद ही आवंटित हो पा रहे हैं। इस वजह से अच्छे अंक लाने के बावजूद कई अभ्यर्थियों का चयन नहीं हो पा रहा है।
शिक्षकों का कहना है कि कई वर्षों से तैयारी करने के बाद वे अब अपने जीवन के अंतिम पड़ाव तक पहुंच चुके हैं। यह उनका अंतिम अवसर है। वर्ष 2018 से लंबे समय के इंतजार के बाद 5 साल बाद परीक्षा आयोजित की गई थी, फिर भी पद इतने कम क्यों हैं, यह उनका प्रमुख सवाल है।
इनकी मांगें:
- लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) प्रतीक्षा सूची जारी करें।
- द्वितीय काउंसिलिंग में 20 हजार पदों की वृद्धि कर वेटिंग को क्लियर करें।
- जनजातीय विभाग में 17,500 पद खाली हैं। पद वृद्धि कर वेटिंग को क्लियर करें।
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