नवजात शिशु की देखभाल हर माता-पिता के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी होती है। इस समय शिशु को विशेष देखभाल और ध्यान की आवश्यकता होती है क्योंकि उसका शरीर बेहद नाजुक और संवेदनशील होता है। यहां नवजात शिशु की देखभाल के लिए कुछ महत्वपूर्ण दिशानिर्देश दिए गए हैं।
1. नवजात शिशु को कैसे सुलाएं और लिटाएं
क्या करें:
पीठ के बल सुलाएं: शिशु को हमेशा पीठ के बल सुलाना चाहिए, क्योंकि इससे अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम (SIDS) का खतरा कम हो जाता है।
मुलायम बिस्तर का उपयोग करें: बिस्तर पर हल्की और मुलायम चादर बिछाएं। तकिए और भारी रजाई से बचें।
शांत और अंधेरा वातावरण: शिशु को सुलाने के लिए शांत और हल्के अंधेरे वाले कमरे का उपयोग करें।
क्या न करें:
पेट के बल न सुलाएं: पेट के बल सुलाने से शिशु को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
खिलौनों से दूर रखें: शिशु के बिस्तर पर खिलौने न रखें, क्योंकि ये घुटन का कारण बन सकते हैं।
बहुत अधिक कपड़े न पहनाएं: शिशु को अधिक गर्म कपड़ों में न लपेटें, इससे गर्मी अधिक हो सकती है।
2. नवजात शिशु को कैसे खिलाएं
क्या करें:
स्तनपान कराएं: पहले छह महीने तक केवल माँ का दूध ही शिशु के लिए पर्याप्त और सबसे पौष्टिक आहार है।
हर 2-3 घंटे में दूध पिलाएं: शिशु को नियमित अंतराल पर दूध पिलाएं। भूख लगने पर शिशु खुद संकेत देता है, जैसे रोना या होंठ चूसना।
डकार दिलाएं: दूध पिलाने के बाद शिशु को कंधे पर हल्के से थपथपाकर डकार दिलाएं।
क्या न करें:
बोतल का अधिक उपयोग न करें: जब तक आवश्यक न हो, बोतल का उपयोग न करें। यह संक्रमण और पेट की समस्याओं का कारण बन सकता है।
शहद न दें: नवजात शिशु को शहद नहीं देना चाहिए, क्योंकि इससे बोटुलिज़्म का खतरा होता है।
3. साफ-सफाई और हाइजीन का ध्यान
क्या करें:
हाथ धोएं: शिशु को छूने से पहले और बाद में हाथ धोएं।
गुनगुने पानी से स्नान: नवजात को हल्के गुनगुने पानी से नहलाएं। इसके लिए कोमल शिशु साबुन का उपयोग करें।
नाभि क्षेत्र को सूखा रखें: शिशु की नाभि के क्षेत्र को सूखा और साफ रखें। नाभि की गांठ अपने आप गिरने दें।
क्या न करें:
ज्यादा नहलाएं: नवजात को रोज नहलाने की जरूरत नहीं होती। सप्ताह में 2-3 बार स्नान पर्याप्त है।
नाभि पर कोई चीज न लगाएं: नाभि पर तेल या अन्य चीजें न लगाएं।
4. नवजात शिशु के कपड़े और तापमान
क्या करें:
सॉफ्ट और सूती कपड़े पहनाएं: शिशु को हल्के और आरामदायक कपड़े पहनाएं।
तापमान नियंत्रित रखें: कमरे का तापमान न बहुत ठंडा हो और न बहुत गर्म।
क्या न करें:
सिंथेटिक कपड़े न पहनाएं: सिंथेटिक कपड़े शिशु की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
बहुत अधिक कपड़े न पहनाएं: गर्मियों में शिशु को अधिक कपड़ों से ढंकना असुविधाजनक हो सकता है।
5. शिशु की त्वचा की देखभाल
क्या करें:
बेबी ऑयल या लोशन का उपयोग करें: शिशु की त्वचा को मुलायम बनाए रखने के लिए बेबी ऑयल या मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करें।
डायपर क्षेत्र को साफ रखें: हर डायपर बदलने के बाद शिशु की त्वचा को गीले वाइप्स या गुनगुने पानी से साफ करें।
क्या न करें:
हार्श प्रोडक्ट का उपयोग न करें: शिशु की त्वचा पर कठोर साबुन, पाउडर या परफ्यूम का उपयोग न करें।
6. शिशु की नींद के दौरान सुरक्षा
क्या करें:
साइड रेलिंग का उपयोग करें: यदि शिशु को पालने में सुला रहे हैं, तो साइड रेलिंग का उपयोग करें।
स्लीपिंग बैग का उपयोग करें: कंबल की जगह शिशु के लिए स्लीपिंग बैग का उपयोग करें।
क्या न करें:
शिशु को अकेला न छोड़ें: सोते समय शिशु को बहुत लंबे समय तक अकेला न छोड़ें।
7. शिशु के स्वास्थ्य का ध्यान
क्या करें:
नियमित टीकाकरण: शिशु के टीकाकरण का पूरा ध्यान रखें और समय पर वैक्सीन लगवाएं।
डॉक्टर से परामर्श: यदि शिशु लगातार रोता है, दूध नहीं पीता, या बुखार होता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
क्या न करें:
घरेलू नुस्खों पर निर्भर न रहें: शिशु की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए घरेलू उपायों पर पूरी तरह निर्भर न रहें।
8. शिशु के साथ समय बिताएं
क्या करें:
स्पर्श और स्नेह दें: शिशु के साथ अधिक समय बिताएं। आपका स्पर्श और आवाज़ शिशु को सुरक्षित महसूस कराते हैं।
धीरे-धीरे बात करें: शिशु से बातें करें और उसे रंगीन खिलौने दिखाएं। इससे उसका मानसिक विकास तेज होता है।
क्या न करें:
जोर से आवाज़ न करें: शिशु को तेज आवाज़ और चिल्लाने से डर लग सकता है।
निष्कर्ष
नवजात शिशु की देखभाल धैर्य और प्यार से करनी चाहिए। साफ-सफाई, नियमित भोजन, और उचित नींद शिशु की स्वस्थ वृद्धि के लिए जरूरी हैं। माता-पिता को सतर्क रहते हुए शिशु की जरूरतों को समझना चाहिए और हर कदम पर विशेषज्ञों से परामर्श लेने से हिचकिचाना नहीं चाहिए।
Writer: Dr. Indresh Kumar, AIIMS Bhopal
Indresh.pcpediatrics@aiimsbhopal.edu.in