Central Consumer Protection Authority (CCPA), A regulatory authority in India to protect consumer rights द्वारा दो कोचिंग सेंटरों को भ्रामक विज्ञापन एवं भ्रामक दावे का दोषी घोषित करते हुए टोटल ₹900000 का जुर्माना लगाया गया है। इनमें से एक कोचिंग सेंटर का नाम और दूसरे कोचिंग सेंटर का काम आपत्तिजनक बताया गया है।
SHUBHRA RANJAN IAS STUDY - कोचिंग सेंटर का नाम ऐसा नहीं रख सकते
उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा Press Information Bureau Government of India के माध्यम से बताया गया है कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने शुभ्रा रंजन आईएएस स्टडी पर भ्रामक विज्ञापन के लिए 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के उल्लंघन के मद्देनजर मुख्य आयुक्त श्रीमती निधि खरे और आयुक्त श्री अनुपम मिश्रा की अध्यक्षता वाली सीसीपीए ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 के संबंध में भ्रामक विज्ञापन के लिए शुभ्रा रंजन आईएएस स्टडी के खिलाफ आदेश जारी किया है।
SHUBHRA RANJAN IAS STUDY ने क्या गलती की थी
संस्थान ने अपने विज्ञापनों और लेटरहेड्स में "शुभ्रा रंजन आईएएस" और "शुभ्रा रंजन आईएएस के छात्र" जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जिससे यह भ्रामक धारणा बनी कि श्रीमती शुभ्रा रंजन एक आईएएस अधिकारी हैं/थीं। यह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत गलत बयान देने और अनुचित व्यापार व्यवहार को दर्शाता है, जिससे जनता और संभावित छात्रों को यह विश्वास दिलाने में गुमराह किया जाता है कि उनके द्वारा प्रदान की गई सेवाएँ या मार्गदर्शन सीधे आईएएस अधिकारी की विश्वसनीयता से जुड़े हैं। संस्थान ने प्रस्तुत किया कि यह एक लिपिकीय गलती थी, जो तर्कसंगत नहीं है क्योंकि शुभ्रा रंजन आईएएस या @shubhraranjanias शब्द का इस्तेमाल इसके लेटरहेड्स और इसके विज्ञापनों में अक्सर किया जाता रहा है।
Vajirao & Reddy IAS Institute पर 7 लाख का जुर्माना
22 नवम्बर 2024 को, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने यूपीएससी सीएसई 2022 के परिणामों के बारे में भ्रामक दावों का विज्ञापन करने के लिए वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टीट्यूट पर 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टीट्यूट ने अपने विज्ञापन में दावा किया था कि “यूपीएससी सीएसई 2022 में 933 में से 617 चयनित” और “हम भारत में शीर्ष यूपीएससी कोचिंग संस्थानों की सूची में प्रथम स्थान पर हैं”। सीसीपीए ने पाया कि दावा किए गए सभी 617 सफल उम्मीदवारों को साक्षात्कार मार्गदर्शन कार्यक्रम में नामांकित किया गया था, जो “निःशुल्क” प्रदान किया गया था। सीसीपीए ने वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टीट्यूट के खिलाफ तत्काल प्रभाव से भ्रामक विज्ञापन बंद करने का आदेश जारी किया।
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