मध्य प्रदेश के इंदौर में, पलासिया थाना क्षेत्र में, डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी की डेड बॉडी उनके अपने कमरे में फांसी के फंदे पर लटकी हुई मिली है। कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। घर के नौकर ने पुलिस को सूचना दी थी। उसने पुलिस के आने से पहले दरवाजा तोड़ दिया था। घटना के समय घर में कोई नहीं था। ग्राउंड फ्लोर पर वृद्ध माता-पिता थे। डीएफ सोलंकी 7 महीने बाद रिटायर होने वाले थे।
ऑफिस की मीटिंग में नहीं आए थे
पलासिया थाना पुलिस के मुताबिक महेंद्र सिंह सोलंकी दिन में 12 बजे से घर पर ही थे। वे एक बैठक में तबीयत का हवाला देते हुए शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने अपने असिस्टेंट से दवाईयां भी मंगाई थी। ACP अमित सिंह ने बताया- डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी ने शुक्रवार शाम करीब 4:30 बजे घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड करने की वजह का पता नहीं चल पाया है। सीसीएफ बघेल ने बताया कि, डीएफओ किसी भी बैठक में शामिल नहीं हुए थे।
घर के नौकर ने दरवाजा थोड़ा
बताया जा रहा है कि डीएफओ करीब 12.30 बजे अपने घर के ऊपर के कमरे में आराम करने गए थे। इसके बाद से नीचे नहीं आए। सोलंकी के बुजुर्ग माता-पिता घर पर मौजूद थे। उन्होंने नौकर को बोला तो उसने जाकर कमरे में आवाज लगाई। कोई रिस्पॉन्स नहीं मिलने से वह वापस नीचे आ गया। उसे लगा कि वो सोए हुए हैं। वहीं कुछ देर बाद जाकर उसने वापस देखा तो उसे शक हुआ। जिसके बाद दरवाजा तोड़ा तो डीएफओ का शव फंदे पर लटका हुआ था।
पत्नी खरगोन गई है, महेंद्र सिंह घर में अकेले थे
डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी खरगोन जिले के रहने वाले थे। वे पिछले दो साल से इंदौर में पदस्थ थे। 7 महीने बाद वह रिटायर होने वाले थे। वे इंदौर में माता-पिता और पत्नी के साथ रहते थे। सोलंकी का एक बेटा और एक बेटी है। बेटी एमबीबीएस कर रही है। पत्नी शिक्षा विभाग में कार्यरत थी। कुछ महीने पहले ही वह रिटायर हुई है। वह गुरुवार को ही खरगोन गई थी।
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