नमस्कार, नगर निगम,भोपाल! बहुत कम शहर हैं, जहां पर पार्क और तालाब मिलते हैं। भोपाल में दोनों ही मिलते हैं और यह एक अद्भुत संयोग है लेकिन भोपाल के पार्कों को देखें तो इनका मेंटेनेंस या प्रबंधन नगर निगम के हाथ में है लेकिन ये ऐसे नहीं है कि इनमें परिवार सहित व्यक्ति या महिलाएं बच्चों सहित जाकर कुछ समय बिता सकें क्योंकि इन पार्कों में अधिकांश समय फालतू लोग या असामाजिक तत्व, उद्दंडी विद्यमान रहते हैं। यदि नगर निगम चाहे तो इनका प्रबंधन और अधिक उचित प्रकार से कर सकती है। इनमें जो मूर्तियां, खेल उपकरण, टाइल्स, व्यायाम उपकरण आदि लगाए गए हैं। वे भी खराब कर दिए गए हैं।
MVM कॉलेज के सामने वाले पार्क में क्या होता है
मेरा विषय बिंदु तो वह पार्क है जो नगरनिगम की गोद में है और पुलिस आयुक्त के आंखों के नीचे है। MVM कॉलेज के सामने, जहां एक छोटा सा कुंड है। जिसमें पानी की जगह बच्चे क्रिकेट खेल रहे हैं। पुलिस वाले भी इसका पूरा उपयोग कर रहे हैं क्योंकि यह कंट्रोल रूम के पीछे है। क्या वे इसे पार्क की तरह ही उपयोग करते हैं? क्या वे इसकी रक्षा के लिए उत्तरदायी नहीं हैं? क्या नगरनिगम के कर्मचारी ऐसा नहीं कर सकते हैं?
प्रबंधन का प्रथम नियम है रक्षण, यदि रक्षण किया जाए तो बचाव हो जाएगा और बहुत अधिक प्रबंधन या मेंटेनेंस की आवश्यकता भी कम होगी।
पार्क में जाने वाले और उनकी क्रियाविधियों का नियंत्रण आवश्यक है? अन्यथा हम सुंदर राजधानी का मुकुट बचाकर नहीं रख पाएंगे।
भोपाल के पार्क, क्रिकेट का मैदान नहीं किंडरगार्टन होना चाहिए
एक समय था जब भोपाल के पार्क सुंदर भी थे, सुरक्षित भी थे। फव्वारे चलते थे, लोग परिवार को घुमाने, बच्चों को खेलने के लिए लेकर जाते थे। लेकिन वे केवल अब टाइम पास की जगह मात्र हैं और वे लोग उनका स्वरूप बिगाड़ते रहते हैं। भोपाल के पार्क क्रिकेट का मैदान नहीं बल्कि सुरक्षित दर्शनीय स्थल और किंडरगार्टन जैसे होना चाहिए? जो भोपाल के प्रतिनिधि होना चाहिए। धन्यवाद... ✒ Aniruddha Chauhan
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