किसी भी व्यक्ति की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना जिससे उसकी उपयोगिता कम हो जाए या संपत्ति नष्ट हो जाए वह भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 324 के अंतर्गत रिष्टि का अपराध (the crime of mischief) होता है। इसी प्रकार किसी दूसरे की संपत्ति में विधि विरुद्ध प्रवेश कर लेना और अतिचार करना भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 329(1) के अंतर्गत आपराधिक अति चार का अपराध होता है।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 43 खंड 03
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 43 के खंड 03 में बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति रिष्टि या आपराधिक अतिचार के उद्देश्य से किसी व्यक्ति पर हमला करता है तो बचाव करने वाले व्यक्ति को निजी प्रतिरक्षा का अधिकार दिया जाएगा अर्थात हमलावर व्यक्ति को रोकने के लिए उससे मुकाबला कर सकता है और उसे भगा सकता है यह अपराध नहीं होगा।
जानिए इससे संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय :-
▪︎ हुकुम सिंह बनाम उत्तर प्रदेश मामले मे आरोपी गन्ने से लदी दो बैलगाड़ीया ज़बर्दस्ती 'हुकुम सिंह, के खेत में से ले जा थे जिसमें फसल खाड़ी थी जब कि उन्हें 'हुकुम सिंह, के खेत के बाजू से लगे लोक मार्ग से बैलगाड़ी ले जानी चाहिए थी। न्यायालय ने विनिश्चित किया कि जब तक आरोपी 'हुकुम सिंह, के खेत में थे 'हुकुम सिंह, को निजी प्रतिरक्षा का अधिकार प्राप्त था एवं 'हुकुम सिंह, द्वारा अतिचरियों का प्रतिरोध करना वैध था।
▪︎ राज्य बनाम भीमदेव एवं रामअवतार बनाम राज्य मामले मे न्यायालय द्वारा अभिनिर्धारित किया कि अगर कोई व्यक्ति आपराधिक अतिचार या रिष्टि के उद्देश्य से हमला करता है, तब बचाव पक्ष को तब तक यह अधिकार प्राप्त होगा जब तक वह खतरा टाल न जाए अर्थात कोई व्यक्ति घर का दरवाजा तोड़ने के उद्देश्य से हमला करता है तो उसे दरवाजा तोड़ने से रोका जाना चाहिए और रोकने के बाद निजी प्रतिरक्षा का अधिकार समाप्त हो जाता है अर्थात हमलावर की मृत्यु नहीं की जा सकती सिर्फ रोका जा सकता है।
विनम्र अनुरोध🙏कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Legal पर क्लिक करें।