Legal advice - मॉब लिंचिंग से बचने फायरिंग में यदि किसी की मृत्यु हो जाए तो क्या हत्या मानी जाएगी, पढ़िए

मॉब लिंचिंग अथवा अन्य ऐसी कोई भी परिस्थिति जब कोई भीड़ या व्यक्तियों का समूह आपके ऊपर हमला कर देता है और ऐसे हमले में आपके जीवन को खतरा होता है, अपनी जान बचाने के लिए आप फायरिंग करते हैं और इस फायरिंग में किसी निर्दोष व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तब क्या इस घटना को हत्या माना जाएगा। आपको हत्यारा घोषित करके सजा दी जाएगी। पढ़िए भारतीय न्याय संहिता में इस तरह की घटना के लिए क्या प्रावधान किया गया है। 

भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 44 की परिभाषा

जब किसी घातक हमले द्वारा व्यक्ति को अपनी मृत्यु की आशंका या अनुमान लगता है तब उसके हाथ निजी प्रतिरक्षा करते हुए कोई निर्दोष व्यक्ति की हत्या या चोट लग जाए वह अपराध नहीं होगा। साधारण शब्दों मे कहें तो एक उग्र भीड़ किसी व्यक्ति पर घातक हमला करती है, जिससे उस व्यक्ति को मृत्यु की आशंका है। वह बचाव में भीड़ पर गोली चला देता है और इसके कारण कुछ निर्दोष लोगों को चोट आती है या निर्दोष लोगों की मृत्यु हो जाती है तब यह, हत्या का अपराध नहीं होगा।

इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय जानिए:-

गोतिपुल्ला बेकटशिवा सुब्रमण्यम बनाम आंध्र प्रदेश राज्य 

मामले मे उच्चतम न्यायालय ने कहा कि शरीर एवं संपत्ति की प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार को प्रायः सभी स्वतंत्र, सभ्य एवं लोकतांत्रिक देशों ने मान्य किया है। IPC की धारा 106 (BNS की धारा 44)  में जिस प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार का उल्लेख है, उसका प्रयोग ऐसे सभी घातक हमलों के विरुद्ध किया जा सकेगा जिससे मृत्यु होने की आशंका हो। अत: ऐसी स्थिति में यदि कोई निर्दोष व्यक्ति अपनी प्रतिरक्षा के लिए हानि करने जोखिम उठाता है, तो वह दोषी नहीं माना जाएगा।

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