Legal advice - क्या अन्य व्यक्ति के बचाव के लिए प्रतिरक्षा का अधिकार मिल सकता है, जानिए

भारतीय न्याय संहिता में नागरिकों को प्रतिरक्षा का कानूनी अधिकार प्राप्त है लेकिन एक सवाल यह भी है कि अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति की रक्षा करेगा तो क्या उसे इस कानून के अंतर्गत बचाव मिल सकता है या नहीं। जानिए महत्वपूर्ण जानकारी:-

Right of Private Defense Important Decisions

1. रेगीना बनाम रोज के मामले मे आरोपी ने अपने पिता को गोली चलाकर मार डाला क्योंकि उसने समझा कि उसके पिता उसकी माँ की गर्दन काट रहे थे। न्यायालय ने अभिनिर्धारित किया कि आरोपी को अपनी माता के जीवन की प्रतिरक्षा करने का पूरा अधिकार था इसलिए आरोपी को दोषमुक्त कर दिया गया। 

2. उत्तर प्रदेश राज्य बनाम नियामी मामले मे सुप्रीम कोर्ट ने अभि-कथन किया कि भारतीय दण्ड विधि के अधीन प्रतिरक्षा का बचाव न केवल व्यक्ति को स्वयं की प्रतिरक्षा में किये गए कार्य के लिए उपलब्ध हैं अपितु किसी अन्य व्यक्ति की प्रतिरक्षा के लिए भी प्राप्त होगा।

कुलमिलाकर किसी महिला, निर्बल, गरीब पर कोई आक्रमण करता है तो कोई अन्य व्यक्ति उसकी रक्षा के लिए निजी प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रयोग कर उसकी मदद कर सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें। 

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