भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 38 का खण्ड 05 कहता है कि अगर कोई व्यक्ति आपका अपहरण या किडनैपिंग करता है तो व्यक्ति अपनी सुरक्षा के लिए निजी प्रतिरक्षा के अधिकार का उपयोग कर सकता है अर्थात स्वयं को बचाने के लिए अपहरणकर्ता की हत्या भी कर सकता है। इस संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय जिसमें बहन को जबरदस्ती ले जा रहे जीजा की साले ने हत्या कर दी। पढ़िए इसमें न्यायालय ने क्या निर्णय सुनाया:-
विश्वनाथ बनाम उत्तर प्रदेश राज्य मामला - प्रसिद्ध वाद
इस मामले में पति अपनी पत्नी को लेने ससुराल गया परन्तु उसका ससुर पत्नी को भेजने के लिए सहमत नहीं था। उसकी मर्जी के विरुद्ध पति ने अपनी पत्नी को साथ ले जाने के उद्देश्य से घसीटना प्रारम्भ कर दिया, जब पत्नी के भाई ने अपनी बहन को इस प्रकार घसीट जाते देखा तो उसने अपने बहनोई पर चाकू से बार किया जिससे उसके जीजा की मौत हो गई। आरोपी के विरुद्ध हत्या का आरोप लगा।
आरोपी ने अपने बचाव में यह तर्क प्रस्तुत किया कि उसे अपने बहनोई द्वारा किए गए पत्नी को उसकी मर्जी के विरुद्ध घसीटने के कार्य के प्रतिरोध में अपनी बहन के शरीर की प्रतिरक्षा का अधिकार प्राप्त था क्योंकि जीजा ने अपहरण के लिए हमला किया था। न्यायालय ने आरोपी का बचाव मान्य करते हुए उसे दोषमुक्त कर दिया।
इसी संबंध में एक और महत्वपूर्ण निर्णय दरोगा बनाम सम्राट मामले मे न्यायालय ने कहा कि किसी व्यक्ति को उसकी मर्जी के खिलाफ उसके घर, निवास या जहांं वह है, वहां से उठाना अपहरण का अपराध होता है वह अपनी प्रतिरक्षा कर सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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