MP शिक्षक भर्ती वर्ग एक, हाईकोर्ट द्वारा स्थगित, शिक्षक भर्ती नियम बदलने के आदेश - MP NEWS

जबलपुर स्थित हाई कोर्ट ऑफ मध्य प्रदेश द्वारा, मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग एवं मध्य प्रदेश ट्राईबल वेलफेयर डिपार्मेंट के अंतर्गत संचालित हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में, उच्च माध्यमिक शिक्षक वर्ग एक की नियुक्ति प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है। मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय का कहना है के पहले शिक्षक भर्ती के नियमों में सुधार किया जाना होगा। जब तक सुधार नहीं हो जाता है तब तक नियुक्ति प्रक्रिया स्थगित रहेगी। 

सेकंड डिवीजन क्या होता है, न्यूनतम प्राप्तांक कितने प्रतिशत चाहिए, यह बताइए

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने लोक शिक्षण संचालनालय, मध्य प्रदेश, भोपाल को नियम सुधारने के लिए 3 हफ्ते की मोहलत दी है। इसके बाद ही मामले पर अगली सुनवाई की जाएगी। बता दें, हाईस्कूल शिक्षकों के 18 हजार में से 6 हजारों पदों पर नियुक्तियां होना बाकी हैं। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश शासन को सलाह दी है कि वो उम्मीदवारों की पात्रता के लिए सेकेंड डिवीजन की बजाय उनके मार्क्स को आधार बनाए।

MP शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में सेकंड डिवीजन विवाद क्या है

दरअसल, हाईस्कूल शिक्षक भर्ती में उम्मीदवारों के सेकेंड डिवीजन क्राईटेरिया को लेकर बड़ा विरोधाभास था। शिक्षा विभाग ने 448 ऐसे उम्मीदवारों को सेकेंड डिवीजन मानकर भर्ती किया है, जिनके ग्रेजुएशन में मार्क्स 45 से 50% के अंदर हैं। दूसरी तरफ ऐसे कई उम्मीदवार हैं, जिन्हें थर्ड डिवीजन मानकर भर्ती नहीं किया गया है, जबकि ग्रेजुएशन में उनके भी मार्क्स 45 से 50% के बीच थे।

नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) के नियमों के मुताबिक, उम्मीदवारों की एलिजिबिलिटी ग्रेजुएशन में सेकेंड डिवीजन तय की गई थी, लेकिन कई यूनिवर्सिटी 45 से 50% अंक लाने वालों को सेकेंड डिवीजन, तो कई यूनिवर्सिटी थर्ड डिवीजन मानती हैं। ऐसे में जब शिक्षा विभाग ने अंकों की जगह सिर्फ मार्कशीट में सेकेंड या थर्ड डिवीजन देखकर भर्तियां कीं, तो पूरी भर्ती प्रक्रिया सवालों में आ गई।

सरकार ने कोर्ट को बताया- 12 हजार भर्तियां हो चुकीं

अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ने बताया कि पिछली सुनवाई 17 दिसंबर को हुई थी। इसमें सरकार ने दो दिन का समय जवाब देने के लिए मांगा था। आज सरकार की ओर से महाधिवक्ता कार्यालय के द्वारा अवगत करवाया गया है कि हाई-पावर कमेटी गठित की जा चुकी है। इसके लिए कम से कम इसमें दो से तीन सप्ताह का समय लग सकता है। इस पर कोर्ट ने भर्ती की स्टेटस जानी कि अभी तक क्या हुआ है? इस पर सरकार की तरफ से बताया गया कि 12 हजार भर्तियां हो चुकी हैं। 

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