ज्योतिरादित्य सिंधिया और भाजपा संगठन के बीच सीधा टकराव शुरू - MP NEWS

Bhopal Samachar
मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में विजयपुर सीट से मध्य प्रदेश सरकार के सीनियर कैबिनेट मिनिस्टर के हार जाने के बाद सेंट्रल मिनिस्टर श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और भाजपा संगठन के बीच में सीधा टकराव शुरू हो गया है। शनिवार को ग्वालियर में श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसे लेकर बयान जारी किया तो तत्काल बाद भारतीय जनता पार्टी द्वारा भोपाल में आधिकारिक बयान जारी करके सिंधिया के बयान का खंडन कर दिया गया। 

चिंगारी जो भड़क उठी है, ठंडी के मौसम में टेंपरेचर हाई

बीजेपी मध्य प्रदेश में यह चिंगारी काफी दिनों से दबी हुई थी लेकिन अब भड़क उठी है। विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एक बार भी प्रचार करने के लिए नहीं गए जबकि यह उनका प्रभाव क्षेत्र था। केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से जब ग्वालियर के पत्रकारों ने विजयपुर विधानसभा सीट के बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा कि, मुझे प्रचार को भेजा जाता तो जरूर जाता। श्री सिंधिया कि इस बयान से ही चिंगारी भड़क उठी। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय से तत्काल पार्टी का अधिकृत बयान जारी किया गया। भाजपा के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी ने सिंधिया के बयान का खंडन करते हुए कहा कि, सिंधिया स्टार प्रचारकों की सूची में थे। प्रचार के लिए प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद ने भी उनसे कहा था। तब सीएम भी मौजूद थे, पर व्यस्तता बताकर, सिंधिया ने मना कर दिया था।

संगठन से बड़ा सिंधिया का अहंकार

यहां भोपाल में कहा जा रहा है कि, भारतीय जनता पार्टी में व्यक्ति नहीं संगठन बड़ा होता है परंतु श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का अहंकार संगठन के सम्मान से बड़ा था। विजयपुर सीट से भारतीय जनता पार्टी ने श्री रामनिवास रावत को प्रत्याशी घोषित किया था। श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, श्री रामनिवास रावत को पसंद नहीं करते क्योंकि श्री रामनिवास रावत ने सिंधिया का वफादार बनने की बजाय संगठन का निष्ठावान कार्यकर्ता बनने की घोषणा कर दी थी। अक्सर कहा जाता है कि ग्वालियर चंबल क्षेत्र में संगठन स्वतंत्र नहीं होता बल्कि सिंधिया ही संगठन होते हैं। 

उमंग सिंघार मौज ले रहे हैं

मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और अपनी ही पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष से उलझ रहे उमंग सिंघार इस घटनाक्रम पर मौज ले रहे हैं। उन्होंने बयान जारी किया है कि संगठन के काम में पीले चावल की जरूरत नहीं होती। फिर कहा कि यदि सिंधिया विजयपुर चले भी जाते तो, कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था। 

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