मध्य प्रदेश की विजयपुर विधानसभा सीट पर मध्य प्रदेश सरकार के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री श्री रामनिवास रावत के, सिर्फ 7364 वोटो के अंतर से हार जाने के बाद, इसके लिए केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को जिम्मेदार माना जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में सिंधिया के खिलाफ जबरदस्त विरोध देखा जा रहा है। स्थिति इतनी अधिक गंभीर है कि मामले को संभालने और कार्यकर्ताओं में सिंधिया के विरुद्ध भावनाओं को दबाने के लिए हाई लेवल एक्टिविटी की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव स्वयं दिल्ली जाकर सिंधिया से मिले और प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णु दत्त शर्मा ने राजमाता के नाम पर श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बचाव करते हुए प्रेस स्टेटमेंट जारी किया।
फ्लैशबैक इन शॉर्ट
विजयपुर के लोकप्रिय नेता श्री रामनिवास रावत, कट्टर सिंधिया समर्थन हुआ करते थे। बाद में दोनों के बीच अनबन हो गई। जब श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए तो श्री रामनिवास रावत ने उनके विरुद्ध प्रचार किया। इस साल लोकसभा चुनाव के समय श्री राम निवास रावत भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। इसलिए विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ा और उपचुनाव हुआ। श्री रामनिवास रावत को मध्य प्रदेश सरकार में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। चुनाव प्रचार में मध्य प्रदेश के सभी बड़े भाजपा नेता विजयपुर गए परंतु श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया नहीं गए। श्री रामनिवास रावत 7000 वोटो से चुनाव हार गए। जब श्री सिंधिया से पूछा गया कि वह, विजयपुर में चुनाव प्रचार करने क्यों नहीं गए जबकि उनका प्रभाव क्षेत्र था। श्री सिंधिया ने कहा कि संगठन ने उन्हें बुलाया ही नहीं था। इसके जवाब में भारतीय जनता पार्टी की ओर से महामंत्री भगवानदास सबनानी ने प्रेस को बुलाकर बताया कि, संगठन महामंत्री श्री हितानंद शर्मा, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णु दत्त शर्मा, तीनों ने श्री सिंधिया को बुलाया था। पार्टी की तरफ से अधिकृत बयान के बाद माहौल बिगड़ गया। अब पार्टी में सिंधिया का जबरदस्त विरोध हो रहा है।
डैमेज कंट्रोल करने मुख्यमंत्री दिल्ली गए
इतिहास गवाह है, सिंधिया जब-जब खतरे में आते हैं। हाई लेवल या हाई कमान की तरफ से उन्हें संरक्षण मिल जाता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ है। डैमेज कंट्रोल करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव दिल्ली गए। यहां उन्होंने श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की। उनका अभिवादन किया। ताकि कार्यकर्ताओं में एक मैसेज जाए, मध्य प्रदेश सरकार श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को विजयपुर की हार के लिए जिम्मेदार नहीं मानती है। अथवा मध्य प्रदेश सरकार ने उसे विषय को भुला दिया है। आप भी भुला दीजिए और आगे बढ़िए।
राजमाता के नाम पर ज्योतिरादित्य को निष्ठावान मानिए, वीडी शर्मा ने कार्यकर्ताओं से कहा
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णु दत्त शर्मा ने प्रेस बयान जारी करके कहा है कि, विजयपुर विधानसभा उपचुनाव के विषय में कांग्रेस निराधार और भ्रामक खबरें प्रायोजित कर रही है। मैं मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते प्रदेश नेतृत्व व पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को स्पष्ट सूचित करना चाहता हूं कि इस तरह के आधारहीन, तथ्यहीन व भ्रामक विषयों पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया व टिप्पणी न करें। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता व सम्मानित केंद्रीय मंत्री हैं। जनसंघ से भारतीय जनता पार्टी तक, सिंधिया परिवार का पारिवारिक नाता है।
वीडी शर्मा ने प्रेस बयान क्यों जारी किया, पर्सनल मैसेज भी तो कर सकते थे
इसमें कोई डिबेट ही नहीं है कि, श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मूल रूप से कांग्रेस पार्टी के नेता है, सोनिया गांधी परिवार से उनके व्यक्तिगत संबंध है, और श्री कमलनाथ एवं दिग्विजय सिंह द्वारा प्रताड़ित किए जाने के कारण भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। विजयपुर वाले मामले में भाजपा के मूल कार्यकर्ता खुलकर सिंधिया के खिलाफ अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं। इसे कंट्रोल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णु दत्त शर्मा ने एक प्रेस बयान जारी किया है। वैसे वह अपने कार्यकर्ताओं को व्हाट्सएप मैसेज भी कर सकते थे, परंतु यहां मामला सिर्फ सक्रिय कार्यकर्ताओं का नहीं है बल्कि विचारधारा का समर्थन करने वाले भी विजयपुर की हार के लिए सिंधिया को जिम्मेदार मानते हैं। इसलिए प्रेस बयान जारी किया गया है, और फिर श्रीमंत महाराज साहब को यह भी तो जताना है कि, आपको बचाने के लिए क्या नहीं किया।
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