MP NEWS - हाई कोर्ट के आदेश पर नवोदय विद्यालय के दो शिक्षकों को हटाया

मध्य प्रदेश में ग्वालियर जिले के पिछोर कस्बे में स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्र के उत्पीड़न के मामले में स्कूल प्रबंधन ने गुरुवार को हाईकोर्ट में अपना जवाब पेश किया है। केंद्र सरकार के अधिवक्ता के जरिए प्रबंधन ने बताया है कि स्कूल से दो शिक्षकों को हटा दिया गया है। हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा था कि जवाहर नवोदय विद्यालय के हाई अथॉरिटी से संपर्क कर दिव्यांग छात्र को प्रताड़ित करने वाले शिक्षकों के ट्रांसफर किए जाएं।

कार्रवाई से पीड़ित छात्र का पक्ष संतुष्ट नहीं

हाईकोर्ट के सामने गुरुवार को जवाहर नवोदय विद्यालय यानी केंद्र सरकार के अधिवक्ता ने बताया कि छात्र ने जिन दो शिक्षकों के नाम बताए थे, उनको स्थानांतरित कर दिया गया है। इस पर छात्र की अधिवक्ता संगीता पचौरी ने कहा कि छात्र ने स्कूल प्रबंधन से जुड़े कई शिक्षकों और कर्मचारियों के नाम बताए थे, लेकिन सिर्फ दो ही शिक्षकों को स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने कहा कि वह अगली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को अपनी आपत्ति पेश करेंगी। छात्र के पिता ने अपने बच्चे की सुरक्षा और शिक्षा को सुचारू रखने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

छात्र का स्वास्थ्य और सुरक्षा न्यायालय के लिए सर्वोपरि

याचिका में हाई कोर्ट को बताया गया कि जवाहर नवोदय विद्यालय पिछोर में, कक्षा 9 में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति के दिव्यांग छात्र के साथ कई दिनों से स्कूल के स्टाफ द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा था। छात्र के पिता ने अपने बच्चे की सुरक्षा और शिक्षा को सुचारू रखने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने कहा था कि छात्र का स्वास्थ्य और उसकी सुरक्षा न्यायालय के लिए सर्वोपरि है।

हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह हुई सुनवाई में कहा था कि छात्र का स्वास्थ्य और उसकी सुरक्षा न्यायालय के लिए सर्वोपरि है। हाईकोर्ट के आदेश पर बच्चे का मेडिकल परीक्षण भी कराया गया था। हाईकोर्ट में ही जज के सामने बच्चे ने उत्पीड़न की पूरी घटना को रोते हुए बयान किया था कि उसे स्कूल जाने में डर लगता है। उसने कुछ शिक्षकों और कर्मचारियों के नाम भी बताए थे।

छात्र ने कोर्ट में कहा था कि लगभग रोजाना ही उसका जातिगत अपमान किया जाता है। उसका यह भी कहना था कि वह अनुसूचित जाति से आता है इसलिए उसका जातिगत अपमान भी लगभग रोजाना ही किया जाता है। हाई कोर्ट ने इसे गंभीर माना और स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिए कि वह छात्र को प्रताड़ित करने वाले स्टाफ को हटाने के लिए अपने वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क कर कार्रवाई करे। इसके अनुपालन में केंद्र सरकार के अधिवक्ता ने हाई कोर्ट को बताया कि छात्र द्वारा बताए गए दोनों शिक्षकों को स्थानांतरित कर दिया गया है।

मेडिकल में प्रताड़ना का मामला सही पाया गया

गौरतलब है कि छात्र की मेडिकल रिपोर्ट में भी उसका व्यवहार असामान्य बताया गया था। यह बच्चे के दिमाग पर अनावश्यक दबाव और उत्पीड़न के कारण हुआ था, ऐसा चिकित्सकों का मानना था। विनम्र निवेदन 🙏 कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में employee पर क्लिक करें। 

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