MP NEWS - शिवपुरी कलेक्टर और विधायक के बीच तनाव, लिखा-पड़ी और शिकवे शिकायत

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में कलेक्टर के पद पर पदस्थ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी श्री रविंद्र कुमार चौधरी और बाहरी विधानसभा के विधायक एवं कांग्रेस पार्टी के नेता श्री कैलाश कुशवाह के बीच में तनाव की स्थिति बढ़ गई है। शिकवे-शिकायत शुरू हो गए हैं। 

विधायक में मेरे साथ अभद्र व्यवहार किया: सीईओ जनपद पंचायत

पोहरी जनपद के सीईओ गिर्राज शर्मा ने शुक्रवार को लिखित आवेदन में कलेक्टर को बताया कि शाम तकरीबन 6:30 बजे पोहरी के विधायक कैलाश कुशवाह ने उनके साथ गैर जिम्मेदाराना व्यवहार किया और यहां तक कहा कि तू कहां है, मैंने कहा मैं अभी जनपद में नहीं हूं, तो गुस्सा होकर बोले, तू घर पर है, चल मैं तेरे घर पर आता हूं। मैंने कहा माननीय आप किस ढंग से बोल रहे हैं। तो जवाब में पोहरी विधायक ने गाली गलौज शुरू कर दी और अपशब्द कहे। जनपद पंचायत बोरी के मुख्य कार्यपालिका अधिकारी श्री गिरिराज शर्मा ने पहले विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

विधायक निधि में भी कलेक्टर का कमीशन मांगते हैं: विधायक का आरोप

वही इस मामले में पोहरी विधायक कैलाश कुशवाहा का कहना था, जनपद सीईओ पोहरी गिर्राज शर्मा द्वारा जनपद के हर काम में अवैध वसूली की जा रही है मेरे द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के विकास कार्यों को दी गई विधायक निधि में भी कलेक्टर और जिपं सीईओ के कमीशन के नाम पर वसूली की जा रही है जब सरपंचों से से मुझे शिकायत मिली तो मैंने ऐसा करने से जनपद सीईओ को मना किया तो उन्होंने अनर्गल आरोप लगाए। 

इस घटनाक्रम में कलेक्टर का क्या कनेक्शन

थोड़ा ध्यान से देखेंगे तो समझ में आ जाएगा। मामला विधायक द्वारा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के साथ अभद्र व्यवहार का है। यह एक नॉर्मल क्रिमिनल केस है, जो पुलिस थाने में दर्ज किया जाता है। जनपद पंचायत के सीईओ को किसी भी व्यक्ति के खिलाफ FIR दर्ज करवाने के लिए कलेक्टर की अनुमति की जरूरत नहीं है और ना ही कलेक्टर FIR हेतु कोई व्यवस्था दे सकते हैं। इस मामले में सीईओ जनपद ने कलेक्टर को आवेदन दिया है। स्पष्ट है कि विधायक पर दबाव बनाने और हेडलाइंस में हाईलाइट करने के लिए यह सब कुछ किया गया है। 

दूसरी बात यह है कि, मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग में, इस प्रकार के अभद्र व्यवहार सामान्य बात मानी जाती है। यदि तनाव बढ़ता है तो कलेक्टर, दोनों पक्षों को समझाकर शांत करवा देते हैं। इस प्रकार के मामलों को मीडिया की हेडलाइंस में नहीं जाने देते, लेकिन यह मामला मीडिया की हेडलाइंस में भेजा गया है। 

बात का बतंगड़ है क्या

आजकल सबके पास स्मार्टफोन है और सबके स्मार्टफोन में ऑडियो रिकॉर्डिंग की फैसिलिटी है। जनप्रतिनिधियों से डील करने वाले सरकारी अधिकारी और कर्मचारी इस सुविधा का पर्याप्त लाभ उठाते हैं। ताजा प्रकरण में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने, अपनी शिकायत के साथ ऑडियो रिकॉर्डिंग संलग्न नहीं की है। जो यह संदेह करने के लिए पर्याप्त है कि, बात का बतंगड़ बनाया जा रहा है। आत्म सम्मान का कोई प्रश्न नहीं है। 

कमीशनखोरी और अभद्रता, दोनों की जांच एक साथ करवा लीजिए

यदि इस मामले में कलेक्टर श्री रविंद्र कुमार चौधरी निष्पक्ष हैं, तो उन्हें दोनों पक्षों की शिकायत की जांच एक साथ करवानी चाहिए। विधायक ने मुख्य कार्यपालिका अधिकारी के साथ यदि अभद्र व्यवहार किया है तो उनके खिलाफ FIR दर्ज होनी चाहिए, एवं ठोस सबूत एकत्रित करके, माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिए ताकि पर्याप्त सजा का निर्धारण हो सके, लेकिन यदि मुख्य कार्यपालन अधिकारी, विधायक निधि के कार्यों में कलेक्टर के नाम पर कमीशन मांगते हैं तो, उन्हें निलंबित करके डिपार्मेंटल इंक्वारी करवाना चाहिए और दोषी पाए जाने पर बर्खास्त किया जाना चाहिए। 

विनम्र अनुरोध 🙏 कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। मध्यप्रदेश के महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Madhyapradesh पर क्लिक करें।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!