MP NEWS - सीएम राइज स्कूल के प्रिंसिपल बाल पांडे, बाल बाल बचे

मध्य प्रदेश में सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों को व्हाट्सएप में प्राप्त होने वाली PDF FILE, DOWNLOAD करने की आदत पड़ गई है। यही आदत उन्हें खतरे में डाल रही है। जबलपुर के सीएम राइज स्कूल के प्रिंसिपल बाल पांडे, बाल बाल बच गए नहीं तो लाखों की चपत लगने वाली थी। 

तुम्हारा बेटा रेप केस में गिरफ्तार किया गया है, प्रेस कॉन्फ्रेंस होने वाली है

जबलपुर के शहपुरा में सीएम राइज स्कूल के प्रिंसिपल बाल पांडे को 30 नवंबर को वॉट्सऐप पर कॉल आया। उन्होंने बताया, 'ठग ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर कहा- आपका बेटा पूना में जॉब करता है। उसे रेप के केस में गिरफ्तार किया है। कुछ ही देर में प्रेस कॉन्फ्रेंस होने वाली है। मैंने कॉल करने वाले से कहा कि मेरा बेटा है? इतने में कॉल पर ही किसी के रोने की आवाज आई। मैं पत्नी के पास पहुंचा और बेटे को कॉल करने को कहा। पत्नी ने जब बेटे को कॉल लगाया तो उसने बताया कि वह अपने ऑफिस में है और ठीक है। मैं समझ गया कि मुझे फर्जी कॉल आया है। इतनी देर में ठग का कॉल कट हो गया।'

प्रोफाइल पर पुलिस ऑफिसर की फोटो लगी हुई थी

श्री बाल पांडे ने बताया कि उन्हें +92 सीरीज के नंबर से वॉट्सऐप कॉल आया था। यह पाकिस्तान का फोन नंबर सीरीज है। उन्होंने वॉट्सऐप कॉल पर आए फोन का स्क्रीन शॉट भी लिया। इसमें किसी पुलिस अधिकारी की फोटो लगी हुई थी। उन्होंने यह स्क्रीन शॉट अपने स्कूल के वॉट्सऐप ग्रुप में शेयर कर बाकी और लोगों को अवेयर किया। एक टीचर ने उन्हें बताया कि उनके पास भी इसी तरह से कॉल आया था। 

व्हाट्सएप पर प्राप्त हुई pdf file डायरेक्ट डाउनलोड ना करें

मध्य प्रदेश में सरकारी अधिकारी और कर्मचारी, सबसे बड़ी गलती यह करते हैं कि व्हाट्सएप पर pdf file का आदान-प्रदान करते हैं। इसके कारण उन्हें व्हाट्सएप पर प्राप्त होने वाली pdf file देखते ही डाउनलोड करने की आदत पड़ जाती है। कई बार वह अच्छी नहीं पाते कि जो फाइल होने प्राप्त हुई है वह abc.pdf नहीं है बल्कि abc.pdf.apk फाइल है। apk फाइल आपके मोबाइल के अंदर चुपके से डाउनलोड हो जाती है और आपकी पूरी कांटेक्ट बुक, आपकी YOUTUBE और GOOGLE सर्च हिस्ट्री। WHATSAPP मैसेज इत्यादि सब कुछ की एक कॉपी उनके पास पहुंच जाती है। उन्हें पता चल जाता है कि आप कब सोते हैं, कब उठते हैं, किससे बात करते हैं, परिवार में कौन-कौन है और कहां रहते हैं। इसके आधार पर वह आपके लिए जाल बुन लेते हैं। 

यदि फोन वाले दिन पांडे जी घर पर नहीं होते और यदि पांडे जी स्कूल शिक्षा विभाग में नहीं होते तो बहुत संभावना थी कि, ठगी का शिकार हो गए होते। घर पर थे इसलिए पति से कंफर्म कर लिया और मध्य प्रदेश में केवल स्कूल शिक्षा विभाग है, जिसके अधिकारी और कर्मचारी नियमित रूप से लोकल न्यूज़ पढ़ते हैं। इसलिए उन्हें पता होता है कि किस प्रकार की ठगी चल रही है। और अपराधियों ने क्या नया तरीका ढूंढ लिया है।

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