MP NEWS - स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूल शिक्षा मंत्री के बयान का खंडन किया

मध्य प्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग ने मर्यादित शब्दों में और प्रोटोकॉल का पालन करते हुए, अपने ही मंत्री उदय प्रताप सिंह के बयान का खंडन करते हुए, विभाग की सफलता और उपलब्धियों के आंकड़े प्रस्तुत किए। उल्लेखनीय है कि, स्कूल शिक्षा मंत्री ने रायसेन जिले में एक सरकारी कार्यक्रम में मंच से बताया था कि, स्कूल शिक्षा विभाग की हालत कितनी खराब है और शिक्षक कितने बेईमान हैं। वह वीडियो इस समाचार में संलग्न है। 

मध्य प्रदेश के स्कूलों में योग्य शिक्षकों की कोई कमी नहीं है: विभाग का दावा 

विभागीय सफलता का जो विवरण कैबिनेट मंत्री के द्वारा प्रस्तुत किया जाना चाहिए था वह स्कूल शिक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी श्री मुकेश मोदी द्वारा प्रेस के समक्ष प्रस्तुत किया गया। उन्होंने बताया कि, प्रदेश में सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये पिछले 3 वर्षों में करीब 35 हजार रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति की है। यह कार्यवाही नई शिक्षा नीति-2020 का बेहतर क्रियान्वयन करने के उद्देश्य से की गयी है। नियुक्त शिक्षकों में उच्च माध्यमिक शिक्षक 15 हजार, माध्यमिक शिक्षक 7726 और प्राथमिक शिक्षक 12 हजार 539 शामिल हैं। इस प्रकार 35 हजार 265 शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है। सरकारी स्कूलों में आवश्यकता अनुसार शिक्षकों की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिये 20 हजार शिक्षकों को उच्च पद प्रभार और अतिशेष प्रक्रिया के अंतर्गत युक्ति-युक्तकरण में 17 हजार शिक्षकों को पारदर्शी प्रक्रिया को अपनाते हुए अन्यत्र स्थान पर पदस्थ किया गया है।

कैबिनेट मंत्री नहीं, जनसंपर्क अधिकारी ने उपलब्धियां गिनाईं 

नई शिक्षा नीति-2020 में विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा दिलाये जाने की भी अनुशंसा की गयी है। इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में सरकारी स्तर पर 2383 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा के पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं। इनमें 4 लाख विद्यार्थी दर्ज हैं। इन्हें कौशल उन्नयन के उद्देश्य से 14 प्रकार के ट्रेड में प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। प्रदेश की 798 हायर सेकेण्डरी स्कूलों में कृषि संकाय और 465 हायर सेकेण्डरी स्कूलों में कृषि ट्रेड संचालित हैं। स्टार्स प्रोजेक्ट के अंतर्गत 100 स्कूलों में नियमित छात्रों के साथ-साथ ड्रॉप-आउट विद्यार्थियों की भी व्यावसायिक शिक्षा प्रारंभ की गयी है।

कक्षा-9 में हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत या उर्दू में से किसी एक भाषा का चयन एवं एक भाषा के स्थान पर तृतीय भाषा के स्थान पर विकल्प तथा कक्षा-11 में किसी भाषा के विकल्प के रूप में व्यावसायिक शिक्षा चयन का प्रावधान भी रखा गया है। विभाग द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को आज की व्यावसायिक और रोजगार की आवश्यकता को देखते हुए किसी न किसी ट्रेड में प्रशिक्षण दिलाया जाये।

प्रदेश में संचालित प्रत्येक सीएम राइज स्कूल में 2 वोकेशनल ट्रेड्स के लिये लैब निर्मित की जा रही हैं। इसके साथ ही प्रत्येक जिले के सीएम राइज स्कूलों में कम से कम एक रोबोटिक्स लैब की स्थापना की जा रही है। वर्तमान में संचालित आईटी कोर्स के अलावा पं. सुंदरलाल शर्मा इंस्टीट्यूट ऑफ वोकेशनल एजुकेशन के सहयोग से एआई कोडिंग जैसे नवीन पाठ्यक्रम तैयार किये जा रहे हैं। ट्यूनिंग ऑफ स्कूल के अंतर्गत 520 स्कूलों की ट्यूनिंग की गयी है। इस व्यवस्था से यह स्कूल आपस में बेस्ट प्रेक्टिस का आदान-प्रदान कर रहे हैं। 

मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार 
यह मध्य प्रदेश के ज्ञात इतिहास में पहली घटना है। विभाग का मंत्री भरे मंच से नेता प्रतिपक्ष की तरह विभाग पर खुला आरोप लगा रहा है और विभाग की ओर से अपने ही मंत्री के बयान का खंडन किया जा रहा है।


स्कूल शिक्षा मंत्री ने क्या आरोप लगाया था 

एक वीडियो वायरल हुआ था। यह वीडियो रायसेन जिले का है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई की जन्म शताब्दी के अवसर पर आयोजित सरकारी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि, 10-12 हजार शिक्षक तो स्कूल में आकर अपनी उपस्थिति लगाकर चले जाते हैं। फिर उन्होंने दावा करते हुए कहा कि, मैं ऐसे 500 शिक्षकों को व्यक्तिगत रूप से जानता हूं, जो स्कूल नहीं जाते बल्कि उन्होंने कक्षा में बच्चों को पढ़ाने के लिए अपनी जगह पर, प्राइवेट शिक्षक लगा रखी है। स्कूल शिक्षा मंत्री यही नहीं रुके उन्होंने कहा कि कम से कम 100 तो मेरे अपने जिले में है"। 

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