मध्य प्रदेश के सीहोर जिले की आष्टा तहसील में कांग्रेस पार्टी के नेता एवं कारोबारी मनोज परमार ने अपनी पत्नी नेहा परमार के साथ मिलकर सुसाइड कर लिया। सुसाइड नोट के अनुसार उसने मरना पसंद किया परंतु राहुल गांधी के खिलाफ जाना पसंद नहीं किया। कांग्रेस नेता ने अपने बच्चों को राहुल गांधी के हवाले छोड़कर सुसाइड किया लेकिन राहुल गांधी ने अब तक, शोक भी व्यक्त नहीं किया है। (रिपोर्टिंग टाइम दिनांक 13 दिसंबर 2024 रात 8:30 बजे।)
कांग्रेस पार्टी के नेता एवं कारोबारी मनोज परमार की कहानी संक्षिप्त में
आपको याद होगा राहुल गांधी की भारत छोड़ो यात्रा के दौरान मध्य प्रदेश में बच्चों ने राहुल गांधी को अपनी गुल्लक भेंट की थी। यह बच्चे कांग्रेस पार्टी के नेता एवं कारोबारी मनोज परमार के ही थे। मनोज परमार ने सुसाइड नोट में लिखा है कि, प्रवर्तन निदेशालय के असिस्टेंट डायरेक्टर संजीत कुमार साहू और उनके साथी राधेश्याम विश्नोई दिनांक 5 दिसंबर 2024 को उनके घर छापामार कार्रवाई की। ED की ओर से यह तीसरी बार की जा रही करवाई थी। इस दौरान संजीत कुमार साहू ने उसे जमीन पर बिठाकर, उसके कंधे पर जूते समेत पैर रखकर उसे अपमानित किया। घर में रखा हुआ 10 लाख रुपया और 70 ग्राम गोल्ड अपने साथ ले गए। कई सारे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवा लिए। मनोज परमार ने सुसाइड नोट में बताया है कि यह सारी कार्रवाई इसलिए हो रही है क्योंकि, उसके बच्चे राहुल गांधी के सपोर्ट में वीडियो बनाते हैं। राहुल गांधी की यात्रा में अपनी गुल्लक भेंट की थी। ED के अधिकारी चाहते थे कि, आप उसके बच्चे राहुल गांधी के खिलाफ वीडियो बनाएं।
राहुल जी बच्चों को अकेला मत छोड़ना, सुसाइड नोट में कांग्रेस नेता ने लिखा
सुसाइड नोट के अंत में मनोज परमार ने लिखा है कि, मेरा कांग्रेस पार्टी के नेताओं और खासकर राहुल जी से निवेदन है कि आपसे जुड़ने और कांग्रेस का काम करने पर हम जैसे लोगों को ED परेशान कर रही है, जिसके कारण आत्महत्या करना पड़ रहा है। मेरा निवेदन है कि मरने के बाद बच्चों की जिम्मेदारी आपकी और कांग्रेस पार्टी की है, जिससे कांग्रेस के लोगों में यह संदेश जाए कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी है। मेरा निवेदन है कि मेरी मौत को जाया मत होने देना। यह बच्चे अगर इस परिस्थिति में नहीं टूटे, तो कभी नहीं टूटेंगे। राहुल जी बच्चों को अकेला मत छोड़ना।
राहुल गांधी - आक्रोश तो दूर, शोक भी व्यक्त नहीं किया
इस घटना को लेकर कांग्रेस पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं में आक्रोश देखा जा रहा है, लेकिन नेताओं में ऐसी कोई भावना दिखाई नहीं दे रही है। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, दुख की घड़ी में शामिल होने के लिए मनोज परमार के घर पहुंचे थे। उन्होंने बच्चों से बातचीत भी की परंतु ऐसी कोई घोषणा नहीं की जिसका उल्लेख किया जाना चाहिए। राहुल गांधी का X हैंडल बिल्कुल शांत है। आक्रोश तो दूर, शोक भी व्यक्त नहीं किया। जबकि राहुल गांधी को अब तक स्पेशल फ्लाइट से मनोज परमार के घर पहुंच जाना चाहिए था।
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