लाखों करोड़ों की संपत्ति के मालिक, केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह ने बाद गंभीर आरोप लगाया है। श्री सिंह ने स्पष्ट तौर पर कहा कि, मध्य प्रदेश के राजस्व और परिवहन मंत्रालय में श्री सिंधिया की काफी गहरी रुची थी। श्री सिंधिया से पूछा जाना चाहिए कि वह इन दोनों विभागों को अपने समर्थकों के पास रखकर क्या करना चाहते थे।
सिंधिया जी राजस्व और परिवहन विभाग अपने समर्थक को क्यों दिलवाना चाहते थे
मध्य प्रदेश के परिवहन में विभाग में हजारों करोड़ के ब्लैक मनी ट्रांजैक्शन और डिपार्टमेंट के तीन में से एक कटर सौरभ शर्मा का खुलासा हो जाने के बाद श्री दिग्विजय सिंह ने पत्रकारों को बताया कि, मध्य प्रदेश में जब कमलनाथ जी की सरकार बनी थी, तब उन पर (तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ पर) बड़ा दबाव था कि राजस्व और परिवहन गोविंद सिंह को दिया जाए। ये दवाब सिंधिया जी का था, अब क्यों था ये सिंधिया बतायेंगे। दिग्विजय सिंह ने आगे कहा, ' पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ऊपर दबाव था परिवहन गोविंद राजपूत को दिया जाए। परिवहन विभाग में नियुक्ति के लिये कमलनाथ ने एक बोर्ड बना दिया था। बोर्ड के जरिये नियुक्ति होती थी। सरकार गिरने पर कमलनाथ द्वारा गठित बोर्ड को खत्म करवा दिया गया। नाके की फिर बोली लगती थी जो ज्यादा बोली लगाता था उसे मिलता था। फिर सौरभ शर्मा कटर लगाकर पैसे बाटता था।
सत्ता परिवर्तन के बाद भी MP TRANSPORT गोविंद सिंह के पास ही था
यहां उल्लेख करना अनिवार्य है कि, श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद जब सत्ता परिवर्तन हुआ तब भी परिवहन विभाग उनके समर्थक विधायक श्री गोविंद सिंह राजपूत को ही दिया गया था। वर्तमान में कांग्रेस पार्टी से भाजपा में शामिल हुए राव उदय प्रताप सिंह के पास मध्य प्रदेश परिवहन विभाग की कमान है।
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