MP TRIBAL के 18000 हाई स्कूल शिक्षकों की नौकरी खतरे में, हाई कोर्ट का अल्टीमेटम

जबलपुर स्थित हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश द्वारा मध्य प्रदेश शासन को अल्टीमेटम दिया गया है कि, अगली सुनवाई से पहले तक इस मामले का निराकरण करें अन्यथा उन सभी शिक्षकों की नियुक्तियां निरस्त करके, फिर से मेरिट लिस्ट जारी करने के आदेश जारी कर दिए जाएंगे। मामला वर्ग 2 के शिक्षकों की नियुक्ति में सेकंड डिवीजन का है। 50% से कम प्राप्तांक वाले शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। 

लोक शिक्षण संचालनालय का नियम ही असंवैधानिक था

मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग तथा जनजातीय कार्य विभाग द्वारा 2021 से 2024 तक NCTE के नियमों के विरुद्ध लगभग 18 हजार से अधिक हाई स्कूल शिक्षकों की भर्ती की गई है। अकेले डी.पी.आई. ने कोर्ट को शपथ पत्र पर अवगत कराया गया है कि 448 शिक्षक हैं जिनकी स्नाकोत्तर की मार्क शीट में 45% से अधिक तथा 50% से कम अंक हैं तथा उनकी अंकसूची में द्वितीय क्षेणी लिखा होने के कारण नियुक्ति दी गई है, जबकी याचिकाकर्ताओ के अंक 50% से कम तथा 45% से अधिक हैं लेकिन उनकी अंकसूची में तृतीय श्रेणी लिखा होने के कारण नियुक्ति नहीं दी गई हैं। 

स्कूल शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट में अपर्याप्त रिकॉर्ड प्रस्तुत किया

याचिकाकर्ताओं ने अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका क्रमांक WP 29838/2024, शिवानी शाह, WP/1177/2024, हेमंत चौधरी, WP/3198/2023 हुसैन मोहोम्मद, WP/684/2023 प्रदीप अहिरवार, WP/12985/2021 अवनीश त्रिपाठी ने याचिकाए दायर करके नियमों की संवैधनिकता को चुनौती दी गई। उक्त याचिकाओं की एक साथ सुनवाई आज दिनांक 16/12/2024 को चीफ जस्टिस श्री सुरेश कैत तथा जस्टिस श्री विवेक जैन की खंड पीठ द्वारा की गई। जबाब हेतु मध्य प्रदेश शासन को कई अवसर देने के बाबजूद शासन ने दिनांक 13/12/24 को अधूरी जानकारी प्रस्तुत की गई। शासन द्वारा प्रस्तुत रिकार्ड को अपर्याप्त मानते हुए हाईकोर्ट ने राज्य शासन को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि उक्त विवादित नियम को तत्काल संशोधन करके दिनांक 18/12/24 को कोर्ट को सूचित करें एवं याचिका कर्ताओ को हाइस्कूल शिक्षक के पद पर नियुक्ति देने हेतु इंस्ट्रक्शन लेकर कोर्ट को अवगत कराए। 

उच्च न्यायालय ने DPI को अंतिम अवसर दिया

सुनवाई के दौरान अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने कोर्ट को बताया की 17 हजार से अधिक पदों पर भर्ती का विज्ञापन था लेकिन केवल 12 हजार पदों पर ही नियुक्तियां की गई है। शेष पद रिक्त हैं। तब हाईकोर्ट ने शासन के अधिवक्ता को कहा की याचिकाकर्ताओ की रिक्त पदों पर नियुक्ति की जा सकती है या नहीं, आगामी सुनवाई दिनांक 19/12/24 को अवगत कराएं अन्यथा 50% से कम अंक वाले समस्त शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त करके पुनः संशोधित नियमनुसार काउंसलिंग सम्पादित करनी होंगी। याचिकाकर्ताओ की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, वृन्दावन तिवारी, अमित खत्री, पुष्पेंद्र शाह, रामभजन लोधी ने की। प्रकरण की अगली सुनवाई 19/12/24 नियत की गईं हैं। 

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