जनजातीय कार्य विभाग मध्य प्रदेश द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ने के लिए नियुक्त किए गए शिक्षक अटैचमेंट का आनंद उठा रहे हैं। वह मनचाहा ट्रांसफर चाहते थे परंतु मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों की स्थानांतरण पर लगा हुआ प्रतिबंध नहीं हटाया। शिक्षकों ने अटैचमेंट का रास्ता खोज लिया है। वरिष्ठ अधिकारियों ने सभी टीचर्स के ट्रांसफर और अटैचमेंट निरस्त करने के आदेश दिए हैं।
जिले के अंदर यहां से वहां अटैचमेंट किए जा रहे हैं
जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संभागीय उपायुक्त, सहायक आयुक्त और जिला संयोजक जनजातीय कार्य और अनुसचित जाति विकास विभाग को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि सामान्य प्रशासन विभाग के स्पष्ट निर्देश हैं कि संभाग और जिला स्तर पर अधिकारी और कर्मचारी तथा शिक्षक संवर्ग के स्थानांतरण न किए जाएं। इस तरह के मामले में शासन के अनुमोदन के बाद ही कार्यवाही की जा सकती है। विभाग के संज्ञान में यह बात आई है कि संभागीय उपायुक्त, सहायक आयुक्त और जिला संयोजक जनजातीय कार्य और अनुसचित जाति विकास द्वारा अपने स्तर पर अटैचमेंट और तबादले किए जा रहे हैं। यह प्रक्रिया गलत है।
जिले के अधिकारियों से कंप्लायंस सर्टिफिकेट मांगा
सभी संभाग और जिला स्तर पर किए गए इस तरह के संबंधित तबादले और अटैचमेंट को निरस्त कर इस बात का प्रमाण पत्र जारी करें कि उनके कार्यक्षेत्र में शासन की अनुमति के बगैर कोई तबादला या अटैचमेंट नहीं किया गया है। यह प्रमाण पत्र 16 दिसम्बर तक भेजने के लिए कहा गया है। विभाग ने फील्ड अधिकारियों को चेतावनी दी है कि 16 दिसम्बर के बाद इस तरह के कोई मामले सामने आए तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। जिस फार्मेट में फील्ड में पदस्थ जिला अधिकारियों से प्रमाण पत्र मांगा गया है उसमें प्रमाण पत्र जारी करने की तारीख का उल्लेख विशेष रूप से करने को कहा गया है।
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