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माध्यमिक विद्यालय में विद्यार्थी हो ना हो विज्ञान और गणित का शिक्षक अनिवार्य है, हाई कोर्ट का आदेश - NEWS

जबलपुर स्थित हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश ने मध्य प्रदेश शासन, स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित माध्यमिक विद्यालयों के विज्ञान के शिक्षकों द्वारा दाखिल की गई याचिका पर महत्वपूर्ण जजमेंट देते हुए, निर्धारित किया है के माध्यमिक विद्यालय में चाहे एक भी विद्यार्थी का प्रवेश न हो, लेकिन विज्ञान और गणित का शिक्षक होना अनिवार्य है। कोई भी प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षा का अधिकार कानून में अपनी इच्छा के अनुसार नियम और शर्तों को संलग्न नहीं कर सकता है।

माध्यमिक विद्यालय में एकमात्र विज्ञान के शिक्षकों को अतिशेष कर दिया था

स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश दिनांक 11/05/16 को शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों के विपरीत, माध्यमिक स्कूल्स में पद संरचना जारी की थी। श्रीमती रश्मि तिवारी माध्यमिक शिक्षक विज्ञान (बायोलॉजी) जिला सागर, श्री सतेंद्र सिंह तिवारी, (सतना) श्रीमती किरण चौधरी, (सतना), राजेंद्र साकेत,  सतना, श्रीमति प्रिया दुबे, (रीवा) श्रीमति दीपाली  तारेटिया,  (नर्मदापुरम) आराधना शुक्ला, (रीवा), हेमलता समारी( रायसेन) ज्योत्सना श्रीवास्तव, (सागर) सीमा चौरसिया, (सागर) विनम तिवारी, (दमोह) मनीषा गुप्ता (रायसेन), साधना सोनी (रायसेन), सोनाली परमार, अजय शाक्य (मुरैना) मनोज वर्मा, (मुरैना) कुमकुम प्रजापति( छतरपुर), बायोलॉजी माध्यमिक शिक्षकों को अतिशेष कर, ट्रांसफर किया गया था। 

विभाग द्वारा जारी आदेश दिनांक 11/05/16 जारी कर पद संरचना में परिवर्तन किया गया था। पद संरचना में परिवर्तन के कारण, माध्यमिक शिक्षक विज्ञान बायोलॉजी अतिशेष की श्रेणी में आ गए थे। आदेश दिनांक 11/05/16 के अनुसार, न्यूनतम तीन शिक्षक प्रत्येक कक्षा हेतु, 35 बच्चों पर मिनिमम एक शिक्षक होना चाहिए।  विषयवार सेट अप के अनुसार, प्रथम तीन शिक्षक विज्ञान एवं गणित (गणित विषय विज्ञान सहित) दूसरा भाषा का एवं तीसरा सामाजिक विज्ञान का होना चाहिए।

माध्यमिक विद्यालय में पदों के वितरण के संबंध में, आदेश दिनांक 26/09/17 जारी किया गया था। उक्त आदेश के अनुसार, छात्र संख्या 141 से अधिक होने पर, पांचवा पद विज्ञान बायोलॉजी का होगा। अपितु, शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार, इस प्रकार की पद संरचना निषिद्ध है एवं उक्त कानून बाध्यकारी है।

वर्तमान में युक्तियुक्त करण कर, आरटीई 2009 के प्रावधानों के विपरीत, मिडिल स्कूल जहां, छात्र संख्या 141 तक है, वहां जीव विज्ञान के सभी शिक्षको को अतिशेष कर, ट्रांसफर किए जा रहे हैं। 17 से ज्यादा माध्यमिक शिक्षक जो की अतिशेष एवं परिणामिक ट्रांसफर के अधीन थे, के द्वारा हाई कोर्ट जबलपुर में 26/09/17 को चुनौती देकर निरस्त करने की मांग की गई थी।

माध्यमिक शिक्षको जीव विज्ञान की ओर से पैरवी करते हुए,  हाई कोर्ट जबलपुर के वकील अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी ने हाई कोर्ट की सिंगल बेंच को बताया कि शासन की कार्यवाही मस्तिस्क के बिना युक्तियुक्त प्रयोग के की गई है। विधायिका द्वारा बनाए गए कानून से ऊपर कोई कार्यकारी निर्देश नहीं है। आरटई के रूल 21, एवं अनुसूची के प्रकाश में, 141 छात्र संख्या पर, जीव विज्ञान के पद को माध्यमिक विद्यालय में स्वीकृति देना, कानून के विरूद्ध है। दूसरे शब्दो में, 141 से ज्यादा स्टूडेंट होने पर, विज्ञान बायोलॉजी शिक्षक का पद निर्माण किया जाना, विधि के अनुसार नहीं है। आरटीई के अनुसार, माध्यमिक विद्यालय में विज्ञान एवं गणित दोनों विषयो के पद स्वीकृत हैं।

विस्तृत बहस के बाद, शासन को नोटिस जारी करते हुए,  हाई कोर्ट ने जवाब तलब किया है। अंतरिम राहत/स्टे जारी करते हुए, 17 बायोलॉजी साइंस माध्यमिक शिक्षको के ट्रांसफर ऑर्डर्स को स्टे कर दिया है। 

याचिका कर्ता शिक्षकों की ओर से हाई कोर्ट जबलपुर के अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी  ने पैरवी की। विनम्र निवेदन 🙏 कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में employee पर क्लिक करें। 

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