WEATHER FORECAST - मध्य प्रदेश के 13 जिलों में ओलावृष्टि होगी, 40 जिलों में ठंडी हवा की आंधी

IMD - India Meteorological Department द्वारा मध्य प्रदेश के 13 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन सभी जिलों में कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होगी, कहीं पर भारी बारिश और कहीं पर आंधी के साथ बारिश होगी। इसके कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित हो जाएगा। इसके अलावा 40 जिलों में ठंडी हवा की आंधी चलेगी। बादल छाए रहेंगे और कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना है। 

मध्य प्रदेश मौसम का पूर्वानुमान

भारत मौसम विज्ञान विभाग के भोपाल केंद्र के अनुसार, रीवा, मऊगंज, कटनी, सिवनी, मंडला, बालाघाट, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम एवं देवास जिलों में कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होगी। करीब 50 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से आंधी चलेगी। कई इलाकों में आंधी के साथ बारिश होगी। मौसम विभाग ने सभी जिलों के प्रशासन को मौसम की स्थिति के लिए सूचित कर दिया है। समाज सेवी संस्थाएं भी कृपया सुनिश्चित करें कि ऐसे मौसम में कोई भी व्यक्ति खुले आसमान के नीचे ना रहे। 

MADHYA PRADESH WEATHER FORECAST 

भोपाल, सिहोर, राजगढ़, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, आगर, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, सतना, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पन्ना, दमोह, निवाड़ी, मैहर, पांढुर्णा जिलों में बादल छाए रहेंगे। कुछ इलाकों में 40 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से आंधी चल सकती है। कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है। 

मौसम के संबंध में किसानों के लिए विशेष सलाह

गेहूं एवं सरसो में सिंचाई को स्थगित करें ताकि फसल गिरने से बचे; रोगों को रोकने के लिए अनुशंसित फफूंदनाशकों का छिड़काव करें।
चने के पौधों को सहारा देने के लिए बांस का उपयोग करें; फफूंद संक्रमण रोकने के लिए सुरक्षात्मक फफूंदनाशकों का छिड़काव करें।
यदि फसलें परिपक्वता के करीब हैं, तो जल्दी कटाई करें ताकि नुकसान को कम किया जा सके।
ओलावृष्टि के बाद नियमित रूप से खेतों का निरीक्षण करें, नुकसान का आकलन करें और समय पर सुधारात्मक उपाय करें।
ऑर्किड/बागवानी फसलों जैसे संतरा, जामुन, फूल, सब्जियां आदि में हेलनेट का उपयोग करें।
शीत लहर के दौरान प्रकाश और लगातार सिंचाई प्रदान करे । स्प्रिंकलर सिंचाई से शीत लहर के प्रभाव को कम करने में सहायता मिलेगी।
शीत लहर के दौरान पौधों के मुख्य तने के पास मिट्टी को काली या चमकीली प्लास्टिक शीट, घास फूस या सरकंडे की घास से ढंके। यह विकिरण अवशोषित कर मिट्टी को ठंडी में भी गर्म बनायें रखता है
गेहूं की फसल में क्राउन रूट स्टेज (20-22 DAS) पर पहली सिंचाई करें तथा सरसों और चना में 35 से 40 DAS पर खेत में पर्याप्त नमी के लिए सिंचाई करें। पहली सिंचाई के बाद गेहूं की फसल में टॉप ड्रेसिंग के रूप में यूरिया के
रूप में अनुशंसित नाइट्रोजन उर्वरक की 1/3 मात्रा दें।
कम तापमान के पूर्वानुमान के कारण रबी की फसलों में पाला पड़ने की संभावना है। इसलिए फसलों को पाले से बचाने के लिए रात में स्प्रिंकलर से हल्की सिंचाई करें, खेत में धुआं पैदा करने के लिए खेत की मेड़ में कचरा जलाएं या
15 दिन के अंतराल पर 0.5 ग्राम/लीटर थायोयूरिया या 3.0 ग्राम/लीटर घुलनशील/गीला करने योग्य सल्फर या 0.05 से 0.1% सल्फ्यूरिक एसिड घोल का छिड़काव करें। 

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