मध्य प्रदेश मौसम का पूर्वानुमान - तूफान के बादल आ रहे हैं, पढ़िए कितने जिले प्रभावित होंगे - WEATHER

Bhopal Samachar
फेंगल नाम का तूफान कोई खास नुकसान नहीं कर पाया परंतु भारत के कई इलाकों में बारिश और ठंड का कारण बन गया है। हालांकि इसकी संभावना नहीं थी परंतु सेटेलाइट से पता चलता है कि इस चक्रवाती तूफान के बादल अब मध्य प्रदेश की तरफ भी बढ़ रहे हैं। मालवा-निमाड़ इलाके को प्रभावित कर सकते हैं। 

MP WEATHER FORECAST- एक तरफ से तूफान के बदले दूसरी तरफ से बर्फीली हवाएं

भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से अपडेट मिला ही कि, फेंगल नाम के चक्रवर्ती तूफान के बदले अगले 48 घंटे में मध्य प्रदेश के आसमान में दाखिल हो जाएंगे। यह बादल राजधानी भोपाल सहित कई शहरों के आसमान पर दिखाई देंगे। कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। रात के तापमान में गिरावट होगी और घना कोहरा देखने को मिलेगा। मौसम विभाग का कहना है कि इस तूफान के कारण हवाओं का रूप बदल सकता है। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा, शिवानी और बैतूल में हल्की बारिश होने की संभावना है। इधर उत्तर की बर्फीली हवाएं मध्य प्रदेश की ग्वालियर चंबल और उज्जैन को प्रभावित करेंगी। इसके कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट होने की संभावना है। 

दिसंबर के महीने में मौसम का पूर्वानुमान

एमपी मौसम विभाग की मानें तो दिसंबर में रात का पारा 3 से 4 डिग्री तक पहुंचेगा। कड़ाके की सर्दी की शुरुआत अगले सप्ताह से हो जाएगी। उत्तर-पश्चिमी भारत के ऊपर सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के असर से दिसंबर में प्रदेश में तापमान तेजी से गिरेगा और ठंड व कोहरे के साथ शीतलहर की स्थिति बनेगी। खास करके मालवा-निमाड़ क्षेत्र में ठंड का असर ज्यादा देखने को मिलेगा। दिसंबर के अंत सप्ताह से लेकर जनवरी महीने में कड़ाके की ठंड पड़ेगी।शीत लहर चलने के साथ मालवांचल के कई जिलों में पाला पड़ने के आसार रहेंगे।

आसमान में मौसम को प्रभावित करने वाली गतिविधियां

वर्तमान में देश के पश्चिमोत्तर क्षेत्र में जेट स्ट्रीम, पाकिस्तान के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ द्रोणिका के रूप में और हवाओं का रुख उत्तरी एवं उत्तर-पूर्वी बना हुआ है। बंगाल की खाड़ी में बने गहरा अवदाब का क्षेत्र पुड्डूचेरी के आसपास टकराने के आसार हैं। इन सभी मौसम प्रणालियों के असर से कहीं-कहीं बादल छा रहे हैं और न्यूनतम तापमान में कुछ बढ़ोतरी होने के आसार हैं। उधर, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी, वर्षा होने की भी संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने पर एक बार फिर तापमान में गिरावट होने की संभावना है।

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