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मध्य प्रदेश शासकीय कर्मचारियों की ट्रांसफर पॉलिसी 2021 में संशोधन - MP NEWS

महेश्वर में आयोजित हुई मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को अपने डिपार्टमेंट में कर्मचारियों के ट्रांसफर के लिए लिमिटेड पावर दिए थे। कैबिनेट के फैसले के अनुसार मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय द्वारा, मध्य प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति 2021 में संशोधन के आदेश जारी कर दिए गए हैं। 

मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर के नियम एवं शर्तें

राज्य शासन द्वारा दिनांक 24 जून, 2021 को राज्य एवं जिला स्तर पर स्थानांतरण हेतु नीति जारी की गई थी। वर्तमान में स्थानांतरण पर प्रतिबंध है किन्तु कार्य सुविधा के दृष्टिगत उपरोक्त नीति की कण्डिका 9 का निम्नानुसार संशोधन किया जा रहा है :-
1. प्रतिबंध अवधि में तथा स्थानांतरण नीति से हटकर सामान्यतः केवल निम्न अपवादिक परिस्थितियों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के शासकीय सेवकों के स्थानांतरण आदेश विभागीय मंत्री से प्रशासकीय अनुमोदन के उपरांत जारी किए जा सकेंगे। 
1.2 ऐसे न्यायालयीन निर्णय के अनुक्रम में, जिसके माध्यम से प्रदत्त आदेश के अनुपालन के अतिरिक्त और कोई विधिक विकल्प शेष न हो। किंतु ऐसी परिस्थिति में स्थानांतरित किये जा रहे स्थान पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही लम्बित न हो।
1.3 शासकीय सेवक की अत्यंत गंभीर शिकायत/गंभीर अनियमितता/गंभीर लापरवाही जिसमें विभाग द्वारा म०प्र० सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के उल्लंघन के क्रम में मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) 1966 के नियम 14 अथवा 16 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ की जा चुकी है।
1.4 लोकायुक्त संगठन/आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो अथवा पुलिस द्वारा शासकीय सेवक के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने अथवा अभियोजन की कार्यवाही प्रारंभ होने पर जांच प्रभावित न होने की दृष्टि से किए जाने वाले स्थानांतरण।
1.5 निलंबन, त्यागपत्र, सेवानिवृत्ति (सामान्य/अनिवार्य/स्वैच्छिक), पदोन्नति, प्रतिनियक्ति से वापसी अथवा शासकीय सेवक के निधन की स्थिति में उसके स्थान पर नवीन पदस्थापना किया जाना जरूरी हो गया किंतु ऐसी रिक्तियां जो तत्स्थान पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी के स्थानांतरण से उत्पन्न हों सम्मिलित नहीं की जाएंगी। 

उदाहरण स्वरूप यदि "A" स्थान से किसी अधिकारी/कर्मचारी को स्थानांतरित कर किसी अन्य अधिकारी/कर्मचारी को इस आधार पर कि अब "A" स्थान पर रिक्त हो गई है, स्थानांतरित नहीं किया जाएगा।
किन्तु यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रशासनिक कारण से यदि स्थानांतरण एक स्थान से दूसरे स्थान पर किया जा रहा है, तब जिस स्थान से स्थानांतरण कर दूसरे स्थान पर पदस्थापना की जा रही है उस स्थान पर स्थानांतरण के कारण रिक्तियों का प्रतिशत स्थानांतरित किये गये स्थान से अधिक तो नहीं हो रहा है। 

उदाहरणार्थ, किसी स्थान "A" पर तीन पद है, जिसमें से दो पद भरे हुए हैं अतः "A" स्थान पर रिक्त पर्दो का प्रतिशत 33 है एवं स्थान "B" पर दो पद हैं, जिसमें से एक पद भरा हुआ है, अतः "B" स्थान पर रिक्त पदों की संख्या 50 प्रतिशत होगी तब "A" से "B" में स्थानांतरण पर "A" में रिक्त का प्रतिशत 66 होगा वहीं 'B' में रिक्ति का प्रतिशत शून्य हो जावेगा। अतः यह इस नीति में उपरोक्त स्थानांतरण अनुमत्य नहीं होगा। 

ठीक इसी प्रकार से 'B' से 'A' स्थान पर भी स्थानांतरण अनुमत्य नहीं होगा। ऐसी स्थिति में स्थानांतरण नहीं किया जा सकेगा। 

उच्च प्राथमिकता के प्रकरणों में भारसाधक सचिव प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त कर आदेश जारी कर सकेंगे। किन्तु ऐसे स्थानांतरण प्रकरण जिनको करने में विभाग नीति के अनुरूप नहीं पाता है ऐसे प्रकरण विभागीय सचिव, विभागीय मंत्री महोदय के अनुमोदन उपरांत, कारण सहित अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री कार्यालय को पुनः प्रस्तुत कर अग्रिम आदेश प्राप्त करेंगे। - (संजय दुबे) अपर मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग

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