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basant panchami 2025 के स्पेशल परीक्षा में सफलता के उपाय, पढ़िए सही तारीख और मुहूर्त समय

भारतीय कैलेंडर पंचांग के अनुसार माघ मास, शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी कहा जाता है। यह तिथि माता सरस्वती को समर्पित है। कहा जाता है कि इस दिन माता सरस्वती ने, प्रकृति में रंग भरे थे। माता सरस्वती ज्ञान की देवी है। इसलिए स्कूल कॉलेज अथवा प्रतियोगी परीक्षा में सफलता के लिए, और संगीत में सफलता के लिए माता सरस्वती की पूजा की जाती है। 

basant panchami 2025 date and muhurat time

2025 में दिनांक 2 फरवरी को 11:53am से पंचमी तिथि का प्रारंभ होगा और दिनांक 3 फरवरी को प्रातः काल 9:39am बजे पंचमी तिथि का समापन होगा। इस हिसाब से दिनांक 2 फरवरी को दोपहर 12:00 बजे से लेकर पूरी रात पंचमी तिथि रहेगी परंतु वसंत पंचमी त्यौहार, वैष्णव संप्रदाय के श्रद्धालुओं द्वारा मनाया जाता है। अर्थात ऐसे श्रद्धालु जो भगवान विष्णु को अपना आराध्य मानते हैं। वैष्णव परंपरा के अनुसार, कोई भी त्यौहार उदयातिथि में मनाया जाता है। अर्थात जिस स्थिति में सूर्य का उदय होता है, त्यौहार के लिए वही तिथि मान्य की जाती है। इसलिए बसंत पंचमी का त्यौहार दिनांक 3 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। 

वसंत पंचमी 2025 पूजा का मुहूर्त

  1. ब्रह्म मुहूर्त 04:57am से 05:48am तक. 
  2. अभिजीत मुहूर्त ​11:50am से दोपहर 12:34pm 
  3. अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त 06:40am से 08:03am 
  4. शुभ-उत्तम मुहूर्त 09:26am से 10:49am 
  5. चर-सामान्य मुहूर्त 01:35am से 02:58am 
  6. लाभ-उन्नति मुहूर्त 02:58am से 04:21am 

VASANT PANCHMI KE UPAY - बसंत पंचमी के विशेष उपाय

ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, कई बार घर में वास्तु-दोष होने के कारण विद्यार्थी को शिक्षा में उचित परिणाम नहीं मिलते हैं। ऐसे में उन्हें वसंत पंचमी के दिन से ही पूर्व, उत्तर या पूर्वोत्तर के दिशा में पढ़ाई करना चाहिए। इस दिशा को ध्यान एवं शांति का केंद्र भी माना जाता है। इस दिशा में पढ़ाई करने से विद्यार्थी का मन एवं मस्तिष्क एकाग्रचित रहता है।

पढ़ाई के दौरान बार-बार कंसंट्रेशन टूटता है तो

जिन छात्रों को पढ़ाई में कई प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है या वह एकाग्रता से नहीं पढ़ पा रहे हैं, उन्हें बसंत पंचमी के दिन ‘ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः’ मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि मंत्र का जाप स्वच्छ आसन पर बैठकर और पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके ही किया जाए।

इस दिन विद्यार्थी माता सरस्वती को केसर या पीले चंदन का टीका लगाएं और पीले रंग के वस्त्र जरूर अर्पित करें। साथ ही पूजा स्थल पर किताब और कलम अवश्य रखें। ऐसा करने से मां सरस्वती की कृपा सदैव बनी रहती है और विद्यार्थी को ज्ञान, बुद्धि एवं विवेक का आशीर्वाद मिलता है। 

अक्षराम्भ संस्कार

‘वसंत पंचमी’ के दिन कम आयु के बच्चे का हाथ पकड़कर काले रंग की स्लेट पर कुछ न कुछ जरूर लिखवाना चाहिए। दरअसल, इस क्रिया को ‘अक्षराम्भ’ कहते हैं। ऐसा करने से पढ़ाई के क्षेत्र में बच्चा शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा करेगा।

माता शारदा के पूजन के लिये भी वसंत पंचमी का दिन विशेष शुभ रहता है। इस दिन 2 से 10 वर्ष की कन्याओं को पीले-मीठे चावलों का भोजन कराया जाता है तथा उनकी पूजा की जाती है। 

मां शारदा और कन्याओं का पूजन करने के बाद पीले रंग के वस्त्र और आभूषण कुमारी कन्याओं व ब्राह्मण को दान करने से परिवार में ज्ञान, कला व सुख-शान्ति की वृ्द्धि होती है।

इसके अतिरिक्त इस दिन पीले फूलों से शिवलिंग की पूजा करना भी विशेष शुभ माना जाता है। 
दांपत्य जीवन में प्रेम के लिए भगवान रति और कामदेव की पूजा करने का विधान भी है। 

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