मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने जो कुछ कर डाला है, उसे इंजीनियरिंग के कोर्स में पढ़ाया जाना चाहिए। सड़क के बीचों बीच 12 फीट गहरी नाली बना दी। जरा सोचिए यदि कोई गिर गया तो क्या कभी सकुशल वापस निकल पाएगा। आप भी समझ नहीं पाएंगे कि यह कैसा भ्रष्टाचार है, जब आपको पता चलेगा कि असल में यह नाली नहीं है बल्कि एक नहर है।
भोपाल में व्यापम घोटाला वाले इंजीनियरों की नहर!
राजधानी भोपाल के कोलार क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क का निर्माण किया जा रहा है। यहीं पर डाल संसाधन विभाग की नहर भी निकाली गई है। सिविल इंजीनियरिंग का बड़ा सिंपल सा सिद्धांत है यदि नर और सड़क एक साथ बनाना जरूरी हो जाए तो जमीन की थोड़ी सी खुदाई करके सड़क को नहर के किनारे लेकिन नीचे बनाना चाहिए, ताकि यदि कोई मोटर वाहन नियंत्रण से बाहर हो जाए, तब भी उसके नहर में गिरने की संभावना न हो। यहां इंजीनियरों ने गजब कर डाला है। सड़क के बीचों-बीच नहर बना दिए। दूसरा कमाल देखिए, नहर की चौड़ाई इतनी कम है कि, वह एक बड़ी नाली सी दिखती है। गहराई 6 फुट से लेकर 12 फीट तक है। लोग सोशल मीडिया पर इसका फोटो शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि व्यापम घोटाले वाले इंजीनियरों ने नहर बनाई है।
मेरे हिसाब से तो ठीक है: एग्जीक्यूटिव इंजीनियर
नितिन कुइकर, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर जल संसाधन विभाग का कहना है कि, नहर का काम पीडब्ल्यूडी ने किया है मेरे हिसाब से तो ठीक है बाकी जो गड़बड़ी होगी उसकी जांच करवा लेंगे। जो गड़बड़ी पाई गई थी उसके लिए हमने पीडब्ल्यूडी को लेटर लिखा है। हमारी नहर है हम चाहते हैं कि अच्छे से बने ताकि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी ना, इसके आगे भी काम होना है आगे किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो इसका हम ख्याल रखेंगे।
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