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BHOPAL NEWS - मुख्यमंत्री की घेराबंदी करने RSS के किसान संघ द्वारा आंदोलन का ऐलान

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने 10 जनवरी को बयान दिया था कि श्री राम मुस्कुराए हैं जल्द ही श्री कृष्णा भी मुस्कुराएंगे। उनके इस बयान को RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान के खिलाफ माना गया और उसका जवाब देने के लिए RSS के अनुषांगिक संगठन भारतीय किसान संघ ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक बड़े किसान आंदोलन का ऐलान कर दिया है। याद दिला दें कि, मोहन भागवत ने दिसंबर-जनवरी में कुछ बयान दिए थे। जिनका निष्कर्ष था कि, अयोध्या में भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बन गया है अब भारतीय जनता पार्टी को अन्य मंदिरों का मुद्दा छोड़ देना चाहिए। 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने क्या कहा था 

अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण का 1 वर्ष पूरा होने पर, भोपाल में आयोजित एक निजी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा था कि, अभी भगवान श्रीराम मुस्कुराएं हैं। जल्द ही भगवान श्रीकृष्ण भी मुस्कुरायेंगे। उनके इस बयान का बड़ा ही स्पष्ट संदेश था कि, काशी और मथुरा के मुद्दे को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री का बयान, RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान के बाद आया। इसलिए यह भी माना गया कि, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने, RSS प्रमुख मोहन भागवत के सामने, मध्य प्रदेश सरकार का स्टैंड क्लियर कर दिया है। 

अब RSS वाले मुख्यमंत्री के खिलाफ क्या करने जा रहे हैं 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने अनुषांगिक संगठन भारतीय किसान संघ को इस मोर्चे पर तैनात कर दिया है। भारतीय किसान संघ द्वारा मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दिनांक 5 फरवरी को एक बड़ा किसान आंदोलन करने की योजना बनाई गई है। राजस्व, खाद, बिजली, पानी, मंडी, एमएसपी, सिंचाई, पशुपालन आदि समस्याओं को लेकर सरकार की घेराबंदी की जाएगी। शुक्रवार को भारतीय किसान संघ के प्रदेश कार्यालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में किसान संघ के मध्यभारत प्रांत अध्यक्ष सर्वज्ञ दीवान ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। 

मुख्यमंत्री के राजस्व अभियान असफल: किसान संघ का दावा

श्री दीवान ने कहा कि प्रदेश का किसान राजस्व विभाग के अधिकारियों के द्वारा फौती नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, बटांकन, नक्शा सुधार जैसे कार्यों में की जा रही लूट से परेशान हो चुका है। भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि किसान संघ ने किसानों की समस्याओं को लेकर तहसील व जिला स्तर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपे। लेकिन आज तलक किसानों की किसी भी समस्या पर प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया है। इसलिए किसान अपनी समस्याओं को सुनाने व निदान के लिए सरकार के दरवाजे पर आने के लिए मजबूर है।

इस बयान के साथ ही भारतीय किसान संघ ने यह दावा कर दिया है कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा अब तक जो 3 राजस्व महा अभियान चलाए गए। सब असफल हो गए हैं। 

मुख्यमंत्री नहीं मंत्रालय का घेराव करेंगे 

मध्य प्रदेश की राजनीति में मर्यादाओं का ख्याल हमेशा रखा जाता है। इसलिए भारतीय किसान संघ द्वारा मुख्यमंत्री के घर का नहीं बल्कि मंत्रालय का घेराव किया जाएगा। अन्नदाता अधिकार रैली व वल्लभ भवन घेराव में किसानों को शामिल करने के लिए किसान संघ के ग्राम समिति से लेकर प्रांत स्तर तक के पदाधिकारी गांव गांव बैठकें कर रहे हैं और किसानों की विभिन्न समस्याओं की चर्चा कर भोपाल आने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। 

बढ़े हुए बिजली बिलों से किसान त्रस्त

किसानों का कहना है कि बिजली विभाग के द्वारा कृषि विद्युत कनेक्शन में हॉर्स पावर भार वृद्धि करने के कारण किसानों को बढ़े हुए बिजली के बिल भेजे जा रहे हैं। जिससे किसान नाराज है। किसान बिजली कंपनियों के द्वारा बिना जांच के भार वृद्धि करने के कारण आंदोलन के मूड में हैं और उसने सरकार के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया है।

ये हैं किसानों की प्रमुख मांगे

1. फौती नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, बटांकन, ऑनलाइन रिकॉर्ड व नक्शा सुधारा जाए।
2. हॉर्स पावर क्षमता वृद्धि वापिस ली जाये, जले ट्रांसफार्मर व लाइनें समय सीमा में बदली जाए।
3. डीएपी, यूरिया खाद सहकारिता के माध्यम से नगद वितरण समय पर किया जाए।
4. सभी मंडियों में फ्लेट कांटो से तुलाई अनिवार्य की जाए। मंडी परिसर में ही भुगतान हो।
5. नकली दूध बनाने वालो पर सख्त कार्रवाई हो, गौ अभयारण्य खोले जाएं।
6. प्रस्तावित व स्वीकृत नहरों के कार्य शीघ्र पूर्ण किए जाएं।
7. सभी फसलों को एमएसपी से नीचे नहीं खरीदा जाए।
8. किसानों के झूठे प्रकरण वापिस हों।
9. पूसा बासमती धान को जीआई टैग दिलाया जाए।
10. धान 3100 रुपए व गेहूं 2700 रुपए प्रति क्विंटल खरीदा जाए। 

यह है किसान संघ की मांग 

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पसंद रहे हैं, इसलिए पहला विरोध प्रदर्शन प्रतीकात्मक तौर पर किया जा रहा है सबसे प्रमुख मांग जो किसान संघ की ओर से नहीं बताई गई है। वह यह है कि, हर हाल में संघ के अनुशासन का पालन करें। संघ के कई स्वयंसेवक मानते हैं कि, संघ प्रमुख के बयान ठीक नहीं था लेकिन, इस प्रकार सार्वजनिक मंच से उत्तर देना, उचित नहीं है।

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