सातवां वेतनमान के बाद किसी भी श्रेणी का कर्मचारी आर्थिक रूप से काफी सक्षम माना जाता है। सभी पेरेंट्स अपने बच्चों को एक अच्छा इंसान बनाने की कोशिश करते हैं परंतु बुरी संगति यानी दोस्ती युवाओं को घर के बेडरूम से निकलकर जेल तक ले जाती है। नगर निगम कर्मचारी का बेटा, एक ऐसे गिरोह का लीडर बन गया था, जो शहर में चोरी किया करता था।
सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग में पकड़े गए
अवधपुरी थाना प्रभारी रतन सिंह परिहार ने बताया कि एक दिन पहले ठेकेदार इंदल सिंह सिकरवार शिकायत लेकर आए थे। उन्होंने बताया कि वह मकान बनाने का ठेका लेते हैं। वेदवती कॉलोनी स्थित साइट पर काम चल रहा है। वहां से उनकी करीब 90 सेंटिंग प्लेट चोरी हुई हैं। मामला दर्ज कर पुलिस ने आसपास सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इसमें चोर थार कार से आते दिखाई दिए। पुलिस ने नंबर से कार ट्रेस की, जो ट्रेवल्स की निकली।
ट्रेवल्स ऑफिस से मिला आरोपियों का पता
पुलिस टीम ट्रेवल्स पर पहुंची तो पता चला कि चोरों ने कार किराए पर ली थी। वहां से मिले आधार और ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी से पुलिस ने चोरों को ट्रेस किया। पुलिस ने उदय नागले, सिद्धांत भटनागर (नगर निगम कर्मचारी का बेटा) सहित उनके दो नाबालिग साथियों को अभिरक्षा में लिया। पूछताछ करने पर पता चला कि उन्होंने चोरी की प्लेट कबाड़ी नसीम खान को बेच दी हैं। करीब एक लाख कीमत की प्लेट कबाड़ी ने 45 हजार में खरीदी थी।
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