मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गायत्री मंदिर से लेकर गणेश मंदिर तक जो फ्लाईओवर ब्रिज बनाया गया है। जब भूमि पूजन हुआ, तब फ्लाईओवर ब्रिज का नाम गायत्री गणेश रखा गया। लोकार्पण कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र में भी GG फ्लाईओवर ब्रिज नाम लिखा गया था परंतु लोकार्पण होते ही नाम बदल दिया गया। पब्लिक समझ नहीं पा रही है कि इतना अच्छा नाम बदल क्यों दिया गया।
ब्रिज का नाम बदल देने से राहुल गांधी की रैली फ्लॉप हो जाएगी?
राजनीति के समीक्षकों का कहना है कि मध्य प्रदेश में राहुल गांधी की प्रस्तावित यात्रा के दबाव में आकर सरकार द्वारा मध्य प्रदेश के सबसे बड़े फ्लाईओवर ब्रिज का नाम बदलकर अंबेडकर ब्रिज कर दिया गया है। उनका कहना है कि ऐसा करने से, अनुसूचित जाति जनजाति के लोग राहुल गांधी की यात्रा में शामिल नहीं होंगे। यह निष्कर्ष इसलिए निकल जा रहा है क्योंकि, नए नाम की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि, कांग्रेस के लोग वोट के लालच में मध्यप्रदेश में आकर महू से यात्रा निकालने का सपना देख रहे हैं। पहले वे अपने पुराने पापों का हिसाब रख लें। अंबेडकर के साथ कांग्रेस ने अन्याय किया। वे लोकसभा चुनाव लड़ने गए तो उन्हें हरवा दिया। अंबेडकर जी को जीते जी कोई पुरस्कार नहीं दिया, उन्हें हरवाने वाले को पद्म विभूषण किया। यह कांग्रेस का काला कारनामा है।
दरअसल, कांग्रेस 27 जनवरी को डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली महू में जय भीम, जय बापू, जय संविधान रैली करने जा रही है। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी इस रैली को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी का दावा है कि राहुल गांधी की इस यात्रा में अनुसूचित जाति जनजाति के कम से कम एक लाख लोग शामिल होंगे।