BHOPAL में मुख्यमंत्री का जनता दरबार कब से शुरू होगा, कौन शामिल हो सकता है, पढ़िए

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के जनता दरबार की घोषणा कर दी गई थी। 6 जनवरी को जनता दरबार का आयोजन किया जाना था परंतु अंतिम समय में स्थगित कर दिया गया। जनता दरबार के लिए एक प्रोटोकॉल तैयार किया गया है। शिकायत करने वालों को मुख्यमंत्री के कार्यालय की ओर से जनता दरबार में आमंत्रित किया जाएगा। केवल वही लोग अपनी शिकायत लेकर मुख्यमंत्री से मिल पाएंगे जिन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय से आमंत्रण मिलेगा। 

मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के जनता दरबार का प्रोटोकॉल का मतलब क्या होता है

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के जनता दरबार के लिए नियमों का निर्धारण किया गया है। जो कोई भी व्यक्ति जनता दरबार में मुख्यमंत्री से मिलना चाहता है उसे सीएम हेल्पलाइन पर अपनी शिकायत दर्ज करवानी होगी और यहीं पर उसे एक विकल्प मिलेगा। विकल्प में पूछा जाएगा कि वह अपनी शिकायत लेकर जनता दरबार में आना चाहता है या नहीं। जो व्यक्ति जनता दरबार के लिए ऑनलाइन आवेदन करेगा, केवल उसी व्यक्ति की शिकायत का परीक्षण किया जाएगा और यदि उसकी शिकायत जनता दरबार की योग्य पाई जाएगी, तब उसे जनता दरबार में बुलाया जाएगा। 

विघ्न संतोषियों को हाई लेवल ड्रामा का मौका नहीं मिलेगा

दरअसल, पहले भी मध्य प्रदेश में जनता दरबार का आयोजन होता रहा है। उस समय आम नागरिकों को स्वतंत्रता दी गई थी कि कोई भी जनता दरबार के लिए मुख्यमंत्री के घर आ सकता है। रिकार्ड बताते हैं कि ऐसी स्थिति में जनता दरबार में खूब हंगामा हुआ। कई बार विवाद की स्थिति बनी और जनता दरबार अपने उद्देश्य से भटक गया। अंत में परेशान होकर जनता दरबार बंद करना पड़ा। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव चाहते हैं कि, लोगों की समस्याओं का समाधान हो परंतु ऐसे लोग जिनका मकसद केवल हंगामा खड़ा करना होता है, उन्हें जनता दरबार से दूर रखा जाए। 

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