भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 81 में बताया गया है कि अगर कोई पुरुष किसी स्त्री से अवैध विवाह करके उससे शारीरिक संबंध बनाएगा और उस से कहेगा कि वह उसका पति है तब वह पुरुष इस धारा के अंतर्गत अपराधी होगा।
वर्तमान समय की अगर बात करे तो इस धारा के अंतर्गत बहुत ही कम मामले दर्ज होते हैं, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ज्यादा उपलब्ध नहीं हो सकते हैं। मामले कम दर्ज होने का एक महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि इस अपराध ने महिला थाने में एफआईआर दर्ज नहीं करवा सकती है। उसे व्यक्तिगत रूप से स्वयं उपस्थित होकर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अंतर्गत प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद प्रस्तुत करना होगा। इसलिए अज्ञानता के अभाव के कारण इस अपराध में मामलों की संख्या घटती जा रही है।
सुन्धाशु शेखर समन्त्रे बनाम उड़ीसा राज्य
मामले मे पीड़िता का कथन था कि उसने आरोपी के साथ सम्भोग करने से इंकार कर दिया लेकिन जब आरोपी ने उसकी माँग में सिन्दूर भरकर उसे इस आश्वासन के साथ स्वयं की पत्नी घोषित किया कि वह नोकरी पा जाने के बाद उसे सार्वजनिक रूप से अपनी पत्नी स्वीकार करेगा तब वह पीड़िता उसके साथ सम्भोग के लिए तैयार हुई।
उसके बाद पीड़िता को पता चला कि आरोपी ने उसकी माँग में सिंदूर भरकर उसे छलपूर्वक पत्नी मानने का झूठा आश्वासन दिया था। आरोपी के विरुद्ध IPC की धारा 493 के अधीन आपराधिक प्रकरण संस्थित किया गया।
न्यायालय ने आरोपी को धारा 493 (अब वर्तमान मे BNS की धारा 81 लागू होगी) के अंतर्गत दोषी ठहराते हुए निर्णय दिया कि उसने पीड़िता को विवाह का झूठा आश्वासन देकर उसे सम्भोग के लिए छलपूर्वक उत्प्रेरित किया था।
नोट:- इस अपराध में पीड़िता की उम्र सोलह वर्ष से कम नहीं होना चाहिए तब ही BNS की धारा 81 लागू होगी।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 81 Provision of punishment
यह अपराध असंज्ञेय एवं अज़मानतीय होते हैं अर्थात इस अपराध की शिकायत पुलिस थाने में नहीं की जाती है। इसके लिए मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद लगाया जाता है एवं आरोपी व्यक्ति को जमानत भी कोर्ट द्वारा दी जाएगी। इस अपराध की सुनवाई प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है। यह अपराध समझौते योग्य नहीं होते हैं अर्थात इस अपराध में राजीनामा नहीं किया जा सकता है। इस अपराध के लिए अधिकतम 10 वर्षो की कारावास और जुर्माना से दण्डित किया जा सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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