भारत के सभी केंद्रीय कर्मचारी और सभी राज्यों के करीब शासकीय कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज़ है। भारत सरकार की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की टीम कर्मचारियों को राहत देने के मूड में है। खबर मिल रही है कि इनकम टैक्स में 80c की लिमिट बढ़ाने की तैयारी हो रही है।
आयकर अधिनियम की धारा 80c क्या है
इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत 10 साल पहले 80c की लिमिट 150000 रुपए निर्धारित की गई थी। तब से लेकर अब तक कर्मचारियों की कई बार वेतन वृद्धि हो चुकी है और दूसरी तरफ महंगाई भी बढ़ चुकी है लेकिन इनकम टैक्स की 80c लिमिट में कोई वृद्धि नहीं की गई थी। आयकर अधिनियम की धारा 80c का उपयोग सबसे ज्यादा कर्मचारियों द्वारा किया जाता है। यह धारा व्यक्तिगत करदाताओं और हिंदू अविभाजित परिवारों को इन्वेस्टमेंट और एक्सपेंस पर टैक्स छूट का दावा पेश करने की अनुमति देता है। 10 साल से अधिक हो गए, जब इसकी लिमिट 1.50 लाख निर्धारित की गई थी। तब से लेकर अब तक कोई वृद्धि नहीं की गई है जबकि इसके लिए प्रत्येक बजट में डिमांड की जाती है। अब समाचार मिला है कि वित्त विभाग के अधिकारी 80c की लिमिट को बढ़ाने के लिए तैयार हो गए हैं और इसकी समीक्षा की जा रही है।
इनकम टैक्स एक्ट 80c की छूट कहां मिलती है
- पब्लिक प्रोविडेंट फंड।
- नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट।
- कर्मचारी भविष्य निधि।
- इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स।
- यूनिट लिंक इंश्योरेंस प्लान।
- सुकन्या समृद्धि योजना।
- वरिष्ठ नागरिक बचत योजना।
- बैंकों में 5 साल के लिए टैक्स सेविंग फिक्स डिपाजिट।
- दो बच्चों की ट्यूशन फीस।
- होम लोन का प्रिंसिपल अमाउंट।
- लाइफ इंश्योरेंस का प्रीमियम।
- नेशनल पेंशन सिस्टम।
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