घटना के पीछे स्कूल, परिवार या आईफोन था, इसका पता तो इन्वेस्टिगेशन के बाद ही चलेगा परंतु दिल्ली पब्लिक स्कूल जैसी संस्थाओं में बच्चों को परिस्थितियों से लड़ना और किसी भी हालत में आत्मघाती कदम नहीं उठाना, कम से कम इतना तो सिखाया ही जाना चाहिए। लड़की कक्षा 12 में पढ़ती थी। पिता एक प्राइवेट कॉलेज में प्रोफेसर है। घटना के समय घर पर लड़की की मौसी और नौकरानी थे। यहां उल्लेख करना जरूरी है कि दिल्ली पब्लिक स्कूल में कक्षा 12 के विद्यार्थियों के लिए हाल ही में फेयरवेल पार्टी संपन्न हुई थी।
पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा
अवधपुरी पुलिस के अनुसार राजीव सिंह परिहार अवधपुरी फेस-2 में परिवार के साथ रहते हैं। वे एलएनसीटी में प्रोफेसर हैं। उनकी बेटी आध्या परिहार (17) डीपीएस में कक्षा 12वीं की छात्रा थी। शनिवार को राजीव सिंह पत्नी के साथ एम्स में जांच कराने गए थे। घर पर आध्या परिहार के साथ नौकरानी और आध्या की रिश्ते की मौसी थी। आध्या अपने कमरे में पढ़ाई कर रही थी। नौकरानी खाना लेकर जब आध्या के कमरे में पहुंची तो दरवाजा अंदर से बंद था, आवाज देने पर कोई रिस्पांस नहीं मिला। इसके बाद चचेरी मौसी पहुंची और आवाज दी। दरवाजा नहीं खुला तो उन्होंने परिजनों को सूचना दी। परिजन तुरंत घर पहुंचे और पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा तो देखा कि आध्या फंदे पर लटकी हुई थी।
आध्या का आईफोन और लैपटॉप, दोनों पैटर्न लॉक
थाना प्रभारी ने बताया कि आध्या परिहार आईफोन चलाती थी। उसके पास लैपटॉप भी है। दोनों में पैटर्न लॉक है। पुलिस ने जांच के लिए आईफोन को जब्त कर लिया है। कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। सोशल मीडिया पर भी कोई पोस्ट ऐसी नजर नहीं आ रही, जिससे आत्महत्या के कारणों का अंदाजा लगाया जा सके।
राजीव सिंह की शादी के 7-8 साल बाद बड़ी मन्नतों के बाद बेटी पैदा हुई थी। इकलौती बेटी की मौत के बाद राजीव सिंह और उनकी पत्नी बदहवाश हैं। दोनों बार-बार बेहोश हो रहे हैं, वह बयान देने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में पुलिस यह पता नहीं लगा पा रही है कि छात्रा को कोई परेशानी थी कि नहीं। दिल्ली पब्लिक स्कूल में पूछताछ करेगी।