मध्य प्रदेश के सबसे अमीर विधायकों में से एक संजय पाठक अब मध्य प्रदेश शासन के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के शिकंजे में नजर आ रहे हैं। मामला सहारा के निवेशकों से धोखाधड़ी का है। जिस जमीन को बेचकर पब्लिक का पैसा वापस करना था। उसका सौदा होने पर दामों में कर दिया गया, और वह पैसा भी पब्लिक को नहीं दिया गया।
संजय पाठक ने 1000 करोड़ की प्रॉपर्टी 90 करोड़ में खरीदी
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज यादव ने 15 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विधायक पाठक पर करोड़ों रुपए की गड़बड़ी करने के आरोप लगाए थे। यादव ने भोपाल, जबलपुर और कटनी में सहारा की 310 एकड़ जमीन को कौड़ियों के भाव में खरीदने की बात कही थी। उन्होंने कहा, 'जिन जमीनों का तत्कालीन बाजार मूल्य करीब 1000 करोड़ रुपए था, उनका सौदा संजय पाठक ने सिर्फ करीब 90 करोड़ में कैसे कर लिया?'
पब्लिक प्रदर्शन करती रह गई
भोपाल में सहारा के निवेशकों द्वारा आए दिन प्रदर्शन किए जाते हैं। पुलिस थानों में कई मामले दर्ज है। उपभोक्ता फोरम और सिविल कोर्ट में भी कहीं मामले हैं। इनमें से कई मामलों में फैसला हो चुका है। सब कुछ जनता के हित में है, इसके बावजूद पब्लिक को पैसा नहीं मिल रहा है। जिस प्रॉपर्टी को बेचकर पब्लिक में 1000 करोड रुपए वितरित किए जाने थे। वह प्रॉपर्टी विधायक संजय पाठक को सिर्फ 90 करोड रुपए में बेच दी गई। यह 90 करोड रुपए भी पब्लिक को नहीं दिया गया। पब्लिक सिर्फ प्रदर्शन करती रह गई।
इस मामले में संजय पाठक की क्या गलती है
यादव ने बताया कि सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन इन्वेस्टमेंट ग्रुप द्वारा कई शहरों में निवेशकों से धन जुटाकर सहारा सिटी बनाने के उद्देश्य से जमीनें खरीदी गई थीं। साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट और (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) SEBI द्वारा सहारा समूह को निवेशकों की राशि लौटाने के लिए कम्पनी की प्रॉपर्टी बेचने की अनुमति दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, जमीन के सौदे की सीमा अधिकतम 90 प्रतिशत या उससे ज्यादा तक तय की गई थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रॉपर्टी बेचने की अनुमति इस शर्त पर दी गई थी कि पैसे खरीदार द्वारा सीधे मुंबई में बैंक ऑफ इंडिया के सेबी-सहारा रिफंड खाता नंबर 012210110003740 में जमा किए जाएंगे।
यानी संजय पाठक ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर दिया। संजय पाठक खरीददार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जिस बैंक अकाउंट में पैसा जमा करने का आदेश दिया था। संजय पाठक ने उस अकाउंट में पैसे जमा नहीं किया और प्रॉपर्टी अपने नाम ट्रांसफर करवा ली।
व्हिसल ब्लोअर बोले- मास्टरमाइंड संजय पाठक ही है
ईओडब्ल्यू में मामले की शिकायत करने वाले आशुतोष दीक्षित मनु कटनी के रहने वाले हैं। वे सहारा ग्रुप के निवेशकों के मामले में लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा- जमीन घोटाले के मास्टरमाइंड विधायक संजय पाठक ही हैं। प्रदेश के लाखों सहारा निवेशकों की मेहनत की कमाई से खरीदी गई जमीनों को उन्होंने षड्यंत्रपूर्वक मिट्टी की कीमत में खरीदा है।
व्हिसल ब्लोअर आशुतोष ने कहा- भोपाल, कटनी और जबलपुर की जो 310 एकड़ जमीन 1000 करोड़ में बेची जानी चाहिए थी, उन्हें सहारा के भ्रष्ट अधिकारियों ने मात्र 98 करोड़ में बेच दिया। देश के गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह सहारा के निवेशकों को उनका पैसा वापस दिलवाना चाहते थे लेकिन विधायक पाठक ने उनके प्रयास को पलीता लगा दिया।