मुस्लिम विधि के अंतर्गत धर्म त्याग देने से वैवाहिक बंधन तत्काल समाप्त हो जाते हैं। अतः किसी मुस्लिम पत्नी द्वारा धर्म परिवर्तन के बाद किसी अन्य धर्मावलंबी का धर्म स्वीकार कर के उससे विवाह करना BNS की धारा 82 का अपराध नहीं होगा।
कानून क्या कहता है जानिए:-
मुस्लिम विवाह विघटन अधिनियम, 1939 की धारा 04 के अनुसार इस्लाम धर्म त्याग देने मात्र से विवाह विघटन नहीं हो जाता है, इस्लाम धर्म त्यागकर अन्य धर्म अपनाने वाली पत्नी को किसी अन्य धर्म के व्यक्ति से विवाह करने से पहले अधिनियम की धारा 02 में वर्णित किसी एक आधार पर विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त करना होगा।
क्या है मुस्लिम विवाह विच्छेद अधिनियम, 1939 में धारा 2 जानिए:-
विवाह विच्छेद की डिक्री का आधार निम्न है:—
मुस्लिम कानून के तहत विवाहित महिला निम्नलिखित में से किसी एक या अधिक आधार पर अपने विवाह के विघटन की डिक्री प्राप्त करने की हकदार होगी:-
(1) चार साल से पति का कोई अता-पता नहीं है।
(2) पति ने दो साल की अवधि तक उसके भरण-पोषण की उपेक्षा की है या वह उसे उपलब्ध कराने में विफल रहा है।
(3) पति को सात साल या उससे अधिक की अवधि के लिए कारावास की सजा सुनाई गई हो।
(4) पति, उचित कारण के बिना, तीन साल की अवधि के लिए अपने वैवाहिक दायित्वों को पूरा करने में विफल रहा है।
(5) पति विवाह के समय नपुंसक था और अब भी नपुंसक है।
(6) पति दो वर्ष से पागल है या विषैले यौन रोग से पीड़ित है।
(7) पन्द्रह वर्ष की आयु प्राप्त करने से पहले उसके पिता या अन्य अभिभावक द्वारा उसका विवाह कर दिया गया था, उसने अठारह वर्ष की आयु प्राप्त करने से पहले विवाह से इनकार कर दिया।
अवैध तरीके से विवाह के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान जानिए:-
यह अपराध असंज्ञेय एवं अज़मानतीय होते हैं अर्थात इस अपराध की शिकायत पुलिस थाने में नहीं की जाती है। इसके लिए मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद लगाया जाता है एवं आरोपी व्यक्ति को जमानत भी कोर्ट द्वारा दी जाएगी। इस अपराध की सुनवाई प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है। यह अपराध समझौते योग्य नहीं होते हैं अर्थात इस अपराध में राजीनामा नहीं किया जा सकता है। इस अपराध के लिए अधिकतम सात वर्ष की कारावास और जुर्माना से दण्डित किया जा सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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