NSUI BHOPAL - नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो डॉ अविनाश वाजपेयी की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर जांच और निलंबन की मांग की है।
मध्य प्रदेश में दो से अधिक संतान वाला किसी भी पद के लिए पात्र नहीं
एनएसयूआई प्रदेश सह सचिव अमन पठान ने पत्र में आरोप लगाया है कि कुलसचिव की नियुक्ति मध्यप्रदेश राजपत्र क्रमांक 134 के नियम 6 का उल्लंघन करते हुए की गई है। इस प्रकरण में विश्वविद्यालय कुलसचिव के विरुद्ध उच्च स्तरीय जांच करा कर, उन्हें निलंबित किया जाए। पठान ने कहा कि यदि कोई उच्च पद पर बैठा व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन कर रहा है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की अनियमितताओं को रोका जा सके। मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 2000 में नियम बनाया था कि "कोई भी उम्मीदवार जिसकी दो से अधिक जीवित संतान हैं, जिसमें से एक का जन्म 26 जनवरी 2001 के बाद हुआ है, वह किसी सेवा या पद पर नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा।"
डॉ अविनाश वाजपेयी को इस्तीफा दे देना चाहिए: NSUI
इस विषय में विश्वविद्यालय एनएसयूआई प्रभारी तनय शर्मा ने कहा कि यह नियम प्रदेश सरकार द्वारा लागू किया गया है, और एक उच्च शैक्षणिक संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा इसका उल्लंघन शासन की साख पर प्रश्नचिह्न लगाता है। हमारी मांग है कि कुलसचिव को नैतिकता के आधार पर अविलंब पद से इस्तीफा देना चाहिए। शर्मा ने आगे कहा कि यदि जांच में कुलसचिव की नियुक्ति नियमों के विरुद्ध पाई जाती है तो उनके दी गई सैलरी की वसूली भी कराई जाए। विश्वविद्यालय प्रशासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाना जरूरी है। यदि उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो संगठन आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।