MP EOW का छापा - सहकारिता के रिटायर्ड अधिकारी के यहां 6 करोड़ की संपत्ति मिली

मध्य प्रदेश शासन की सहकारिता विभाग में ₹3000 महीने के वेतन पर नौकरी शुरू की थी और असिस्टेंट मैनेजर जिला सहकारी बैंक के पद से रिटायर हुए श्री अनिल सुहाने को पूरे जीवन काल में 70000 रुपए वेतन मिला। इसमें से उन्होंने अपना घर खर्च चलाया और तीज-त्यौहार, शादी-विवाह, दुख-बीमारी इत्यादि खर्च भी किए। फिर भी उनके पास से 6 करोड़ से अधिक की संपत्ति मिली है। उनके उज्जैन स्थित आवास पर मध्य प्रदेश शासन के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा छापामार कार्रवाई की गई है। 

अनिल सुहाने के यहां से कितनी प्रॉपर्टी मिली

केंद्रीय बैंक में सहायक प्रबंधक रहे अनिल सुहाने के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में शिकायत मिली थी। जिसके बाद शनिवार करीब 12 बजे ईओडब्ल्यू और पुलिस की 30 सदस्यों की टीम कार्रवाई करने बंसत विहार स्थित घर पहुंची। EOW एसपी दिलीप सोनी ने बताया कि करीब तीन घंटे से ज्यादा समय से सर्चिंग चली। सुहाने के पास 1500 स्क्वायर फीट का एक मकान के साथ 2500 स्क्वायर फीट में बना चार मंजिला मकान भी है। उज्जैन के दवा बाजार में दो दुकानें, दो प्लॉट, तीन गाड़ी भी मिली हैं। टीम को उज्जैन में कुछ कॉमर्शियल प्रॉपर्टी के दस्तावेज भी हाथ लगे हैं। इसकी आकलन किया जा रहा है।

3000 रुपए सैलरी से की थी शुरुआत

अनिल सुहाने मूल रूप से जिला पन्ना के रहने वाले हैं। 1991 में जिला सहकारी बैंक नई सड़क उज्जैन में सब इंजीनियर के पद पर नियुक्ति मिली थी। शुरुआत 3000 रुपए प्रतिमाह के वेतन से हुई थी। 31 दिसंबर 2024 को सहायक प्रबंधक जिला सहकारी बैंक उज्जैन के पद से सेवानिवृत्त हुए। नौकरी के दौरान उन्हें कुल 70 लाख रुपए का वेतन प्राप्त हुआ है। जबकि उनके पास अब तक जो संपत्ति पाई गई है उसकी कीमत 6 करोड़ से भी अधिक है। यह संपत्ति शासन की विभिन्न कृषि ऋण योजनाओं में आने वाली राशि वितरण में अनियमितता एवं भ्रष्टाचार करके अर्जित किया जाना ज्ञात हुआ है।

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