मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों में 27% आरक्षण के लिए लाभार्थी पिछड़ा वर्ग पक्ष द्वारा मोर्चाबंदी कर दी गई है। हाल ही में हाईकोर्ट में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के खिलाफ याचिका के खारिज हो जाने के बाद, सुप्रीम कोर्ट से एक तरफा STAY ORDER जारी होने से रोकने के लिए केविएट दाखिल की गई है।
ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन की पहल
मध्य प्रदेश में ओबीसी के 27% आरक्षण में बाधा बनी याचिका क्रमांक 18105/2021 में हाईकोर्ट द्वारा दिनांक 28 जनवरी 2025 को पारित आदेश के विरुद्ध याचिकाकर्ता द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एस.एल.पी. दायर किए जाने की संभावना को देखते हुए, ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन सहित पीड़ित अभ्यर्थियों की ओर से ओबीसी एडवोकेट एसोसिएशन के दिल्ली राज्य के प्रतिनिधि एवं अधिवक्ता एओआर संदीप कुमार सेन के माध्यम से आज दिनांक 31 जनवरी 2025 को केविएट दायर कर दी गई है।
ओबीसी याचिकाकर्ताओं से अपील
ज्ञातव्य हो कि ओबीसी आरक्षण में नियुक्त विशेष अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर के अभिमत एवं अनुरोध के बावजूद भी महाधिवक्ता एवं मध्य प्रदेश सरकार ने उक्त याचिका में पारित स्टे आदेश दिनांक 4 अगस्त 2023 के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में न तो अपील की थी और अंतिम आदेश पारित होने के बावजूद भी मध्य प्रदेश शासन द्वारा आज दिनांक तक केविएट दायर नहीं की गई है। वेलफेयर एसोसिएशन ने सभी होल्ड अभ्यर्थियों से अपील की है कि सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण के ट्रांसफर प्रकरणों सहित केविएट एवं इंटरवीन करें ताकि सुप्रीम कोर्ट से आरक्षण के प्रकरणों में कोई एक पक्षीय आदेश न हो सके।