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MP NEWS - वाणिज्यकर निरीक्षक एवं कराधान सहायक की नियुक्तियां हाई कोर्ट के निर्णय के अध्याधीन

मध्य प्रदेश आयुक्त वाणिज्यकर ने मध्य प्रदेश के विभागीय लिपिकवर्गीय सेवा के कर्मचारियों के लिए सीमित प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से लिपिकवर्गीय सेवा से वाणिज्यकर निरीक्षक एवं कराधान सहायक के रिक्त पदों पर चयन हेतु सीमित विभागीय प्रतियोगिता परीक्षा - 2023 आयोजित की थी। इसके तहत दिनांक 1 मार्च 2024 को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए थे, जिसमें व्यापक पैमाने पर धांधलियों तथा भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका क्रमांक 19919/2024 दायर की गई थी।

याचिका क्रमांक 19919-2024 का संक्षिप्त विवरण

याचिकाकर्ता टीकमगढ़ निवासी मनोज कुमार ताम्रकार, सागर निवासी संतोष कुमार साहू एवं दमोह निवासी सहर वानो हैं। उक्त याचिका की प्रारंभिक सुनवाई माननीय मुख्य न्यायमूर्ति श्री सुरेश कुमार कैत तथा विवेक जैन की खंडपीठ ने की। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं रामभजन लोधी ने पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया कि, उक्त विभागीय परीक्षा के जारी विज्ञापन दिनांक 05.10.2023 के अनुसार वाणिज्यकर निरीक्षकों एवं कराधान सहायकों के कुल 219 पद थे। इस परीक्षा की लिखित परीक्षा 09.12.2023 को आयोजित की गई थी और परिणाम 09.01.2024 को घोषित किया गया था।  

याचिका में आरोपों का सारांश:

1. ईडब्ल्यूएस (EWS) कोटा में हेरफेर  
   - अनावेदक क्रमांक 3, 5 एवं 6 जो उक्त भर्ती के जिम्मेदार प्राधिकारी थे, उन्होंने अनावेदक क्रमांक 8 से 13 को, जिन्होंने अपना मूल आवेदन अनारक्षित वर्ग में दाखिल किया था, अवैध लाभ प्रदान किया।  
   - इन अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन में ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र (जो कट-ऑफ डेट के बाद बना) संलग्न कर दिया, जिसके आधार पर उन्हें ईडब्ल्यूएस श्रेणी में नियुक्ति दी गई।  

2. योग्यता के विपरीत पदों पर नियुक्ति 
   - कई चयनित अभ्यर्थियों ने कराधान सहायक के पद हेतु आवेदन दिया था, लेकिन उनकी निर्धारित योग्यता नहीं थी।  
   - इसके बावजूद, ऑफलाइन आवेदन फार्म बदलने का मौका देकर उन्हें कमर्शियल टैक्स इंस्पेक्टर के पदों पर नियुक्त कर दिया गया।  

3. प्रतीक्षा सूची में अनियमितता
   - कई नियुक्त अभ्यर्थियों के नाम प्रतीक्षा सूची में भी दर्शाए गए, जबकि जिन अभ्यर्थियों को प्रतीक्षा सूची में रखा जाना था, उन्हें बाहर कर दिया गया।

4. भर्ती प्रक्रिया में पक्षपात
   - विभागीय चयन परीक्षा में 87%-13% का फार्मूला लागू करके याचिकाकर्ताओं को रोक दिया गया।  
   - कमिश्नर ऑफिस में तैनात अनावेदक क्रमांक 5 एवं 6 के चहेते अभ्यर्थियों को परीक्षा से पूर्व प्रश्नपत्र उपलब्ध कराया गया, जिससे उन्होंने मेरिट सूची में उच्च स्थान प्राप्त कर लिया।

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट कोर्ट की कार्रवाई  
कोर्ट ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए याचिका विचारार्थ स्वीकार कर ली और की गई भर्तियों को याचिका के निर्णयाधीन कर दिया। साथ ही, निम्नलिखित को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया:-
- प्रमुख सचिव, मध्य प्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग
- प्रमुख सचिव, वाणिज्यकर विभाग
- आयुक्त, वाणिज्यकर, इंदौर
- एम.पी. ऑनलाइन
- स्वतंत्र कुमार सिंह (प्राइवेट रिस्पॉन्डेंट)
- एडिशनल कमिश्नर नारायण मिश्रा  
- फरजाना सिद्दीकी (नव-नियुक्त वाणिज्यकर निरीक्षक)
- पवन गुप्ता (नव-नियुक्त वाणिज्यकर निरीक्षक)
- राकेश शर्मा (नव-नियुक्त कराधान सहायक) 
- दीपक द्विवेदी (नव-नियुक्त वाणिज्यकर निरीक्षक)
- रूपेश सिंह राजपूत (नव-नियुक्त वाणिज्यकर निरीक्षक)
- अनूप कुमार सिंगल (नव-नियुक्त वाणिज्यकर निरीक्षक)
याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह एवं रामभजन लोधी ने की।  

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