मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जबरदस्त हाई प्रोफाइल ड्रामे के बीच परिवहन विभाग के ब्लैक मनी हैंडलर सौरभ शर्मा ने कोर्ट में सरेंडर किया और फिर गायब हो गया। उनके वकील ने बताया कि मैं दोपहर 1:00 बजे सौरभ शर्मा को कोर्ट के हवाले कर दिया था। भोपाल कोर्ट के बाद मीडिया की भीड़ लगी हुई है और समाचार के लिखे जाने तक, किसी भी प्रकार की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
सौरभ शर्मा सरेंडर की टाइमलाइन
- 2:00 बजे : पत्रकारों को सूत्रों की हवाले से जानकारी मिली कि सौरभ शर्मा ने 1 बजे अपने वकील राकेश पाराशर के साथ कोर्ट पहुंचकर सरेंडर कर दिया। कोर्ट में मीडिया की भीड़ लग गई।
- 2:30 बजे : लोकायुक्त डीजी जयदीप प्रसाद ने बताया कि सौरभ शर्मा की ओर से सरेंडर करने के लिए आवेदन प्रस्तुत करने की जानकारी मिली है।
- 2:30 बजे : एडवोकेट राकेश पाराशर ने बताया कि मैं सौरभ को एक बजे कोर्ट में छोड़कर आ गया था। अब आगे क्या हुआ, इसके बारे में लोकायुक्त या ईडी बता सकती है।
- 3:15 बजे : लोकायुक्त डीएसपी वीरेंद्र सिंह टीम के साथ कोर्ट पहुंचे। उन्होंने कहा- थोड़ा इंतजार कीजिए, सब साफ हो जाएगा। लोकायुक्त टीम करीब आधे घंटे बाद रवाना हो गई। मीडिया को कुछ नहीं बताया।
- 4:00 बजे : सौरभ कहां है, इसके बारे में स्थिति साफ नहीं। मीडियाकर्मी कोर्ट परिसर में जुटे रहे।
52 किलो गोल्ड और 11 करोड़ नोटों से भरी कार मिली थी
बता दें कि लोकायुक्त की टीम ने 19 दिसंबर को आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के भोपाल की अरेरा कॉलोनी स्थित घर और ऑफिस पर छापा मारा था। टीम को इन ठिकानों से 2.95 करोड़ रुपए कैश, करीब 50 लाख रुपए के सोने-चांदी के जेवरात और 234 किलो चांदी सहित अन्य प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले थे। इसी दिन आधी रात के बाद भोपाल के ही मेंडोरी इलाके में जंगल में लावारिस खड़ी कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए कैश मिले थे। ये कार सौरभ शर्मा के सहयोगी चेतन सिंह गौर के नाम है। चेतन ने जांच एजेंसी को बताया था कि गोल्ड और कैश सौरभ शर्मा का ही है।
लोकायुक्त के छापे के समय सौरभ शर्मा फरार हो गया था
इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सौरभ और उसके परिवार व परिचित के यहां छापा मारा था। इस दौरान जांच एजेंसी को कैश समेत 23 करोड़ की संपत्ति मिली थी। लोकायुक्त के छापे के बाद से ही सौरभ फरार था। छापे के समय उसके दुबई में होने की जानकारी सामने आई थी। जांच एजेंसियां लगातार उसकी तलाश में दबिश दे रही थी।
9 दिन तक छापेमारी चलती रही थी
भोपाल में आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के यहां 9 दिन में तीन एजेंसियां ED, लोकायुक्त और आयकर विभाग ने छापे मारे थे। कार्रवाई के दौरान उसके पास 93 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी मिली। इनमें कार में मिला 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश भी शामिल हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 27 दिसंबर को सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी चेतन सिंह गौर, शरद जायसवाल, रोहित तिवारी के ठिकानों पर छापे मारे थे। सौरभ के परिजन और दोस्तों के खातों में 4 करोड़ रुपए का बैंक बैलेंस पाया। इसके अलावा 23 करोड़ की संपत्ति भी जांच के दायरे में ED ने ली थी।
भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर में की गई जांच में 6 करोड़ रुपए की FD की जानकारी भी ED के हाथ लगी है। फर्मों और कंपनियों के जरिए किए गए निवेश का खुलासा हुआ है।