जबलपुर स्थित हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश में एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया कि, पीथमपुर में स्थित रामकी एनवायरो फैक्ट्री, यूनियन कार्बाइड भोपाल का कचरा नष्ट करने में सक्षम है और इस प्रक्रिया से किसी को कोई नुकसान नहीं होगा। हाई कोर्ट ने कचरे वाले कंटेनर पीथमपुर में खाली करने की आदेश दिए हैं। इसके लिए 16 फरवरी तक का समय दिया गया है।
महाधिवक्ता ने कंटेनर खाली करने की अनुमति मांगी
मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय में, महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने कहा, 'हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि यूनियन कार्बाइड का रासायनिक कचरा वैज्ञानिक तरीके से नष्ट किया जाए। उसी आदेश के अनुसार, राज्य सरकार ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पुलिस, डॉक्टर और प्रशिक्षित लोगों की टीम के जरिए इसे कंटेनरों में पैक किया और पीथमपुर ले गए। इससे पहले कि इस रासायनिक कचरे को नष्ट किया जाता, पीथमपुर के आसपास जनता ने कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की। इसकी वजह कुछ शरारती तत्वों द्वारा फैलाई गई गलत सूचनाएं थी। राज्य सरकार पीथमपुर में जनता को शांत करने और समझाने के लिए 6 सप्ताह का समय चाहती है।' महाधिवक्ता ने कहा कि अभी यह रासायनिक कचरा 12 कंटेनरों में भरकर रखा हुआ है। इसे बहुत दिन तक कंटेनर में नहीं रखा जा सकता। हम कोर्ट से अनुमति चाहते हैं कि जिस फैक्ट्री में इस कचरे को नष्ट किया जाना है, वहां कंटेनर खाली करने की अनुमति दें।
दलीलें सुनने के बाद चीफ जस्टिस कैत ने कचरा खाली करने की अनुमति देते हुए मामले की सुनवाई हेतु अगली तारीख 18 फरवरी निर्धारित कर दी है। यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर भोपाल गैस पीड़ित संघ के सदस्य आलोक प्रताप सिंह ने भी साल 2004 में एक याचिका लगाई थी। उनकी तरफ से सीनियर एडवोकेट नमन नागरथ आज कोर्ट में उपस्थित रहे। उन्होंने बताया- हाईकोर्ट ने यूनियन कार्बाइड के रासायनिक कचरे को नष्ट करने की कार्यवाही के तीन चरण बनाए थे। पहले चरण में रासायनिक कचरे को इंसुलेटर में जलाकर नष्ट करना है। दूसरे चरण में फैक्ट्री डिसमेंटल की जानी है और तीसरे चरण में जमीन के भीतर जो नुकसान हुआ है, उसे ठीक करना है। पहले चरण की कार्यवाही में इस कचरे को भोपाल से पीथमपुर पहुंचाया गया है।
इंदौर वाली याचिका जबलपुर ट्रांसफर
संबंधित याचिका इंदौर की एमजीएम एलुमिनाई एसोसिएशन ने इंदौर खंडपीठ में 28 दिसंबर को दायर की थी। जहां से इसे जबलपुर खंडपीठ में ट्रांसफर किया गया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिनव धनोदकर का कहना है कि सरकार ने इंदौर और पीथमपुर की जनता को भरोसे में लिए बिना यह एकतरफा कदम उठाया है। इंदौर से पीथमपुर की दूरी सिर्फ 30 किलोमीटर है। ऐसे में अगर 358 मीट्रिक टन जहरीला कचरा यहां रखा जाता है तो यह दोनों शहरों की जनता के लिए हानिकारक साबित होगा। इसे वापस भोपाल ले जाना चाहिए। विनम्र अनुरोध 🙏 कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। मध्यप्रदेश के महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Madhyapradesh पर क्लिक करें।
#WATCH | Madhya Pradesh: Union Carbide factory waste disposal issue | Police deployed and barricading and wire fencing done at the disposal site in Pithampur, Dhar district. pic.twitter.com/msE9oWstjx
— ANI (@ANI) January 6, 2025